Tuesday, February 20, 2018

नीतीश-धान-जापान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जापान यात्रा से मन में ख़्याल आया कि सीएम की जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाक़ात हुई होगी तब क्या धान पर बातचीत हुई होगी ?

खेती-बाड़ी से जुड़े सूबे के मुखिया के नाते नीतीश कुमार के जापान यात्रा पर धान का ख़्याल इसलिए आया क्योंकि जापान की दो प्रमुख कम्पनियां होंडा और टोयोटा का अर्थ धान होता है. होंडा का मतलब मुख्य धान खेत और टोयोटा का मतलब बम्पर फसल वाला धान खेत. जापान में एक हवाई अड्डा है- नरीटा, इसका अर्थ है लहलहाता धान खेत.

दरअसल जापान में धान को प्रधानता दी जाती है. ऐसी बात नहीं है कि वहां अन्य फसलों की खेती नहीं होती है लेकिन यह बड़ी बात है कि वहां खेत का अर्थ धान के खेत से जुड़ा है. वहां धान की आराधना की बड़ी पुरानी परंपरा है.

गूगल किया तो पता चला जापान के ग्रामीण इलाक़ों में धान-देवता इनारी का मंदिर होता ही है. जापान में एक और देवता हैं, जिनका नाम है- जीजो है. जीजो के पांव हमेशा कीचड़ में सने रहते हैं. कहते हैं कि एक बार जीजो का एक भक्त बीमार पड़ गया, भगवान अपने भक्तों का खूब ध्यान रखते थे. उसके खेत में जीजो देवता रात भर काम करते रहे तभी से उनके पांव कीचड़ में सने रहने लगे. इन कहानियों को पढ़कर अहसास होता है बाहर के मुल्कों में फसलों के कितना स्नेह देते हैं.

हम भी धान को कम स्नेह नहीं देते. हमारे यहां तो धान को बेटी का दर्जा प्राप्त है. धान हमारे घर में ख़ुशहाली लाती है. बौद्ध  साहित्य से पता चलता है कि गौतम बुद्ध के पिता का नाम था- शुद्धोदन यानी शुद्ध चावल. वट वृक्ष के नीचे तप में लीन गौतम बुद्ध ने एक वन-कन्या सुजाता के हाथ से खीर खाने के बाद बोध प्राप्त किया और बुद्ध कहलाए. इस कहानी को पढ़कर लगता है शायद इसी वजह से 70 के दशक में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाक़ों में एक पुरानी नस्ल की धान का नाम 'सुज़ाता' होगा. इस धान का चावल बहुत ही सुगन्धित हुआ करता था.

बाज़ार प्रधान देश का यह किसान नीतीश जी के जापान यात्रा पर धान की बात इसलिए कर बैठा  क्योंकि हमें तो निबंध लेखन में यही सीखाया गया है कि 'भारत एक कृषि प्रधान देश है.' वैसे यह अलग बात है कि अब हम कहने के लिए ‘बुलेट ट्रेन प्रधान’ देश हो गए हैं !

1 comment:

Aman Ghosh said...

Sabse mazedar line hai Sir ji aur shayd isslea elections me 1947 se ab tak kisan pe he baat hote hai.Per hal jas ke tas hai.

"बाज़ार प्रधान देश का यह किसान नीतीश जी के जापान यात्रा पर धान की बात इसलिए कर बैठा क्योंकि हमें तो निबंध लेखन में यही सीखाया गया है कि 'भारत एक कृषि प्रधान देश है.' वैसे यह अलग बात है कि अब हम कहने के लिए ‘बुलेट ट्रेन प्रधान’ देश हो गए हैं !"