वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर आज जब पूर्णिया के आसमान में नमूदार हुआ, तो भीड़ मोदी-मोदी करने लगी, जिसे देखकर भाजपा के नेताओं के चेहरे खिल उठे, कमल की तरह। नरेंद्र मोदी की पूर्णिया-रैली से भाजपा नेताओं की बांछें खिली हुई हैं। मोदी की बड़ी-बड़ी बातें वोटरों का दिल जीतने में कितना कारगर साबित हो पाती हैं, इसका जवाब तो आने वाले दिनों में ही मिल सकेगा लेकिन इतना तो तय है कि सीमांचल में प्रधानमंत्री की यह रैली सफल रही।
कल तक कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री यहां अपने भाषण में कोई ‘कार्ड’ खेलेंगे लेकिन ऐसा उन्होंने कुछ नहीं किया। हालांकि सिख दंगे की बात उन्होंने की। वैसे इसका असर बिहार चुनाव पर पड़ने वाला नहीं है।
पूर्णिया में एक मैदान है - रंगभूमि। इसका नाम ही रंगीन है। ऐसे में रंगीन लोगों की भीड़ लाजमी है। इस बड़े मैदान को भाजपा के रंग में रंग दिया गया था। कहीं कहीं से जय श्री राम का नारा भी कान तक पहुंचा. प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले अनंत कुमार और यहां के पूर्व सासंद उदय सिंह मंच से भीड़ को निहारते दिखे। भीड़ निहारने लायक भी थी।
रंगभूमि मैदान की क्षमता ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख होगी। बीजेपी वाले आज दो लाख का दावा कर रहे थे। लेकिन लाख लोगों की भीड़ तो जरुर पहुंची थी।
कल तक यह खबर थी कि मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने के लिए भाजपा यहां कोई ‘कार्ड’ खेलेगी। लेकिन मोदी का भाषण सयंमित रहा। उन्होंने विकास आदि की बातें की। पूर्णिया में उद्योग धंधे, एयरपोर्ट आदि की बातें की।
मोदी ने कांग्रेस को नीतीश-लालू के बहाने घेरा। उन्होंने कहा, 'एक बात के लिए मुझे लालू और नीतीश जी का धन्यवाद करना है, क्योंकि उन्होंने इस चुनाव में हमें 40 सीटें बिना चुनौती के हमें दे दी। उनका इशारा महागठबंधन की ओर से कांग्रेस को दी गई 40 सीटों की तरफ था।
गौरतलब है कि पूर्णिया में भाजपा की सीधी टक्कर कांग्रेस से है। भाजपा ने विजय खेमका को टिकट दिय़ा है जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी इंदू सिन्हा हैं। मोदी बार-बार नीतीश कुमार को नीतीश बाबू संबोधित कर रहे थे।
मोदी की रैली शुरु होने से पहले आसमान में एक हेलीकाप्टर दिखा, पता चला कि पास में ही नीतीश कुमार की रैली है और वे जा रहे हैं। आज पूर्णिया के अमौर में राहुल गांधी की भी रैली थी। भवानीपुर से आए सुमन ने बताया कि हेलीकाप्टर से नीतीश कुमार भीड़ जरुर देखे होंगे। भीड़ देखकर उनके पांव जरुर फूले होंगे। वैसे रैली में लोगों की प्रतिक्रियाएं बड़ी मजेदार होती है।
चुनाव के वक्त रैलियों को देखकर लगता है कि पैसे का कितना बड़ा खेल होता है। लोकसभा चुनाव के वक्त भी यहां मोदी की बड़ी रैली हुई थी। उस रैली में पूरा प्रदेश भाजपा अपने नेता के स्वागत में उपस्थित था। पटना से भी बीजेपी के नेता सब आए थे।
इस बार पत्रकारों की भी अच्छी खासी भीड़ थी। डीपीआरओ ने 90 स्थानीय पत्रकारों को पास दिया था। इसके अलावा बाहर से पत्रकार आए थे। मतलब 200 के करीब पत्रकारों का जमावड़ा था।
पूर्णिया के जितने होटल हैं, वे लगभग सबके सब बुक हैं। रैली खत्म होने के बाद हमने भीड़ को चैनलों के औवी वैन के पास देखा। लोगबाग वहां फोटो ले रहे थे। मीडिया के प्रति लोगों का अनुराग देखने लायक होता है। कसबा से आए शशांक ने बताया कि चैनलों ने हमें मीडिया फ्रैंडली बना दिया है।
रैली में आदिवासी महिलाओं – पुरुषों की काफी तादाद दिखी। पूर्णिया में उनकी संख्या ठीक-ठाक है। सुनीता हेब्रम ने कहा कि वो मोदी को देखने आई है। मोदी को सुनना उसे अच्छा लगता है।
वैसे मोदी ने जब अपना भाषण शुरु किया था तब उनका माइक खराब हो गया था, हालांकि तीन मिनट के बाद सब सामान्य हो गया। मोदी थके भी दिखे। वैसे हवा में उड़ते-उड़ते लोग थक भी जाते हैं। बाद बांकी जो है सो तो हइए है।
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