नीतीश कुमार जी
बधाई हो !
वैसे तो आप इस वक्त देश भर के बड़े नेताओं की बधाई फोन पर स्वीकार करने में व्यस्त होंगे लेकिन इन सबके बावजूद हम आशा करेंगे कि आप इसे कभी वक्त निकालकर पढ़ेंगे।
सुदूर देहात से मोबाइल की सहायता से 2 जी नेटवर्क के जरिये आपको यह चिट्ठी लिख रहा हूँ। चुनावी आपाधापी के बीच आपने सयंम बनाये रखा, सुशील बने रहे। हमलोगों को इससे सीख लेनी चाहिए।
आपको एकबार फिर बिहार ने चुना है। बिहार में विश्वास रखने वाले युवाओं को आप पर भरोसा है। आशा करते हैं कि आप हमारी बातों को सुनेंगे। दलीय राजनीति के खेल को एक तरफ रखते हुए आप बिहार को एक नया रूप देंगे। किसानों का ख्याल रखेंगे। गाम घर की यात्रा करेंगे।
बिहार में रोजगार का अधिक से अधिक से सृजन करेंगे, यह आशा है आपसे। ताकि गाँव देहात से महज चार-पांच हजार रूपए कमाने के लिए कोई युवा बाहर न चला जाए। आप इस पर सोचियेगा नीतीश जी। भरोसा है कि आप मेरे जैसे किसान की बात सुनियेगा जिसे बिहार पर भरोसा है, अपनी माटी पर भरोसा है।
सड़क-बिजली-साइकिल से आपने सूबे को पहचान दी। एक किसान के तौर पर हम आशा करेंगे कि आप इस बार गाँव को अपने मुख्य एजेन्डे में रखेंगे ताकि गाम-घर का विकास हो।
आपकी बातों को लोग सभाओं में ध्यान से सुनते थे । आशा करेंगे कि उन बातों को आप जमीन पर उतारेंगे। यकीन मानिए यदि आप ऐसा करते हैं तो बिहार आपको लगातार मौका देता रहेगा। आशा है जात-पात को कूड़े दान में रखकर विकास की एक और नई कहानी आप सुनाएंगे।
नीतीश जी, विकास की कहानी आप लिखेंगे..लोकतंत्र यही है , मौका देती है कुछ अलग और विशेष करने के लिए, नहीं तो जिन्दा कौम पांच साल का इन्तजार कहां करती है। लेकिन हमें आप पर भरोसा है क्योंकि आप काम करते रहे हैं लेकिन इस बार आपको सरकार में भी कई लोगों को साथ लेकर चलना है। इन्हीं आशाओं के संग।
एक किसान
गिरीन्द्र नाथ झा
चनका
पूर्णिया
बधाई हो !
वैसे तो आप इस वक्त देश भर के बड़े नेताओं की बधाई फोन पर स्वीकार करने में व्यस्त होंगे लेकिन इन सबके बावजूद हम आशा करेंगे कि आप इसे कभी वक्त निकालकर पढ़ेंगे।
सुदूर देहात से मोबाइल की सहायता से 2 जी नेटवर्क के जरिये आपको यह चिट्ठी लिख रहा हूँ। चुनावी आपाधापी के बीच आपने सयंम बनाये रखा, सुशील बने रहे। हमलोगों को इससे सीख लेनी चाहिए।
आपको एकबार फिर बिहार ने चुना है। बिहार में विश्वास रखने वाले युवाओं को आप पर भरोसा है। आशा करते हैं कि आप हमारी बातों को सुनेंगे। दलीय राजनीति के खेल को एक तरफ रखते हुए आप बिहार को एक नया रूप देंगे। किसानों का ख्याल रखेंगे। गाम घर की यात्रा करेंगे।
बिहार में रोजगार का अधिक से अधिक से सृजन करेंगे, यह आशा है आपसे। ताकि गाँव देहात से महज चार-पांच हजार रूपए कमाने के लिए कोई युवा बाहर न चला जाए। आप इस पर सोचियेगा नीतीश जी। भरोसा है कि आप मेरे जैसे किसान की बात सुनियेगा जिसे बिहार पर भरोसा है, अपनी माटी पर भरोसा है।
सड़क-बिजली-साइकिल से आपने सूबे को पहचान दी। एक किसान के तौर पर हम आशा करेंगे कि आप इस बार गाँव को अपने मुख्य एजेन्डे में रखेंगे ताकि गाम-घर का विकास हो।
आपकी बातों को लोग सभाओं में ध्यान से सुनते थे । आशा करेंगे कि उन बातों को आप जमीन पर उतारेंगे। यकीन मानिए यदि आप ऐसा करते हैं तो बिहार आपको लगातार मौका देता रहेगा। आशा है जात-पात को कूड़े दान में रखकर विकास की एक और नई कहानी आप सुनाएंगे।
नीतीश जी, विकास की कहानी आप लिखेंगे..लोकतंत्र यही है , मौका देती है कुछ अलग और विशेष करने के लिए, नहीं तो जिन्दा कौम पांच साल का इन्तजार कहां करती है। लेकिन हमें आप पर भरोसा है क्योंकि आप काम करते रहे हैं लेकिन इस बार आपको सरकार में भी कई लोगों को साथ लेकर चलना है। इन्हीं आशाओं के संग।
एक किसान
गिरीन्द्र नाथ झा
चनका
पूर्णिया
1 comment:
नीतीश कुमार ने बिहार में काम किया है इसमे कोई दो राय नही है लेकिन अब क्या लालू के साथ मिलकर आयेज कुछ कर पाएँगे...ये देखना दिलचस्प होगा.
वैसे आपने चिट्ठी अच्छी लिखी है . आपको बधाई.
http://iwillrocknow.blogspot.in/
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