Thursday, April 07, 2016

नीतीश कुमार के नाम एक पाती

माननीय नीतीश कुमार जी
नमस्कार।
आपने बिहार में शराब की बिक्री पर जो पाबंदी लगायी है इसके लिए हम आपके आभारी है।इस फ़ैसले की वजह से  शहर से लेकर गाँव के टोले-टोले में ख़ासकर महिलाएँ आपको आशीष दे रही हैं। आप इस फ़ैसले पर अडिग रहेंगे, हमें उम्मीद है।

शाम ढलते ही शहर के सड़कों पर जो ख़राब माहौल दिखता था, आपके फ़ैसले ने उसे ठीक कर दिया है। अब हम सपरिवार शाम में सड़क पर टहल सकते हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि अब बिहार में शराब के माफ़िया आएँगे, तस्करी होगी लेकिन मुझे उम्मीद है आप ऐसा होने नहीं देंगे।

आज जो नई पीढ़ी शराब के नशे  की चपेट में है अगली पीढ़ी इससे बच जाएगी। ख़ुशी के अवसर पर पार्टी का अर्थ दारू माना जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पार्टी का अर्थ आपने बदल दिया नीतीश जी, इसके लिए हम आपके आभारी रहेंगे।

आँकड़ों के अनुसार राज्य में छह हज़ार करोड़ मूल्य की शराब बिकती थी और राजस्व मिलता होगा दो हज़ार करोड़ के आसपास। लेकिन आपने इसे एक झटके में ठुकराकर राज्य की आधी आबादी का प्रेम हासिल कर लिया है। आप फ़ैसले पर डटे रहिए, यकिन मानिए आपको स्नेह मिलता रहेगा। राज्य की जनता अपने 'नीतीश कुमार ' को इस फ़ैसले के लिए मन में बिठाए रखेगी।

तीन साल पहले जब मैं दिल्ली से गाँव लौटकर आया था तब साँझ ढलते ही नशे में गाम को डूबता देखता था। 'सूरज अस्त गाँव मस्त' ऐसी बातें सुनने को मिलती थी। महिलाएँ परेशान रहती थीं लेकिन अब सब सुंदर होगा, ऐसी उम्मीद है। नशा घर तोड़ता है , आपके  इस  फ़ैसले से कई घर टूटने से बच जायेंगे।

अब एक दूसरी बात। माननीय मुख्यमंत्री जी ,सीवान ज़िले की एक कहानी है, आशा है कि आप इससे अवगत होंगे ही तो भी मेरी बात सुनिए। तहलका पत्रिका में निराला भाई ने इस पर विस्तार  से लिखा है, मैं उसी रपट के आधार पर आपसे बात कर रहा हूं।

नीतीश जी, फरवरी के पहले सप्ताह में एक खबर आई कि शहाबुद्दीन को बहुचर्चित तेजाब कांड में जमानत मिल गई है. शहाबुद्दीन, सीवान और तेजाब कांड, तीनों का नाम एक साथ सामने आते ही बिहारवासियों के जेहन में कई खौफनाक यादें ताजा हो उठती है। 2004 में 16 अगस्त को अंजाम दिए गए इस दोहरे हत्याकांड में सीवान के एक व्यवसायी चंद्रकेश्वर उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों सतीश राज (23) और गिरीश राज (18) को अपहरण के बाद तेजाब से नहला दिया गया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह चंदा बाबू के सबसे बड़े बेटे राजीव रोशन (36) थे. मामले की सुनवाई के दौरान 16 जून, 2014 को राजीव की भी हत्या कर दी गई. इसके ठीक तीन दिन बाद राजीव को इस मामले में गवाही के लिए कोर्ट में हाजिर होना था. चंदा बाबू और उनकी पत्नी कलावती देवी अब अपने एकमात्र जीवित और विकलांग बेटे नीतीश (27) के सहारे अपनी बची हुई जिंदगी काट रहे हैं. पिछले साल दिसंबर में ही सीवान की एक स्थानीय अदालत ने इस हत्याकांड में राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के अलावा तीन अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

नीतीश जी 'बिहार में बहार है' आपका नारा था, आपको हमने प्रचंड बहुमत देकर चुना। शराब पर बैन लगाकर आपने दिल जीत लिया लेकिन अब चंदा बाबू की भी सुनिए।

निराला भाई की रिपोर्ट में चंदा बाबू कहते हैं - "मेरे तीन बेटों की हत्या हुई, बेटों की हत्या का मुआवजा भी नहीं मिला. यह शिकायत है मेरी नीतीश कुमार से. खैर, अब क्या किसी से शिकायत. खुद से ही शिकायत है कि मैं कैसी किस्मत का आदमी हूं, जो शासन, व्यवस्था, कानून, खुद से… सबसे हार गया...."

आशा है आप बिहार की जनता की आवाज़ सुनेंगे। नीतीश जी आप चंदा बाबू को न्याय दिलाने में सहायता करेंगे।

आपका

गिरीन्द्र नाथ झा
ग्राम-चनका
पोस्ट - चनका
ज़िला-पूर्णिया

1 comment:

अमित कुमार झा said...

बहुत ही अच्छा। प्रभावी। मैं तो आपसे सीखने की कोशिश कर रहा हूँ।