Thursday, October 08, 2015

एक किसान की चुनावी डायरी- 10

मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, राजनीतिक दलों की चुनावी गतिविधियां और भी तेज होती जा रही है। बयानों का बाजार गर्म होता जा रहा है। जाति कार्ड का पत्ता फेंका जा रहा है। पहले चरण में समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा और जमुई जिले की 49 सीटों पर मतदान होंगे। इन इलाकों में लोगबाग विभिन्न  दलों को लेकर अपनी-अपनी बात रख रहे हैं।

भागलपुर जिला के नाथनगर विधानसभा क्षेत्र में यादव और गंगौता जाति की  जनसंख्या अधिक है। भाजपा गठबंधन की तरफ से लोजपा के अमर सिंह कुशवाहा मैदान में हैं। स्थानीय लोग इस फैसले को सही नहीं मान रहे हैं। ममलखा के शंभु यादव ने साफ-साफ कहा, ''हमलोग उनको वोट नहीं देंगे।'' मतलब साफ है यहां कोई नीतीश से नाराज है, तो कोई भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार से खुश नहीं है। यानी नाथनगर सीट पर संघर्ष बराबरी का है।

भागलपुर जिला की सात विधानसभा क्षेत्रों की राजनीतिक गतिविधयों पर पैनी नजर रख रहे पत्रकार साथी ब्रजेश भाई का मानना है कि लोगबाग इस बार सजग  हैं। उन्हें धर्म आदि के नाम पर गुमराह नहीं किया जा सकता है। विक्रमशीला सेतू पार करते ही जैसे ही हम भागलपुर में दाखिल होते हैं हमें गढ्ढ़ों का ढेर मिलता है। एक चाय दुकान पर अनवर भाई से मुलाकात होती है। उनका कहना है कि भागलपुर जिले में सड़क की हालत बदतर है। यहां की सड़कों पर आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाडि़यां चलती हैं। बेशक नीतीश
कुमार राज्य को अच्छी सड़क देने का दावा करते हैं, लेकिन यहां दावा खोखला  दिख रहा है।

एक किसान भाई सर्वेश से मुलाकात होती है। वे बताते हैं कि सिंचाई की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। किसान परेशान हैं, क्योंकि उनके खेतों में धान सूख रहे हैं। अब जिला मुख्यालय और देहात में पहले की अपेक्षा बिजली अधिक समय तक रहती है। इससे लोग खुश हैं, पर वे नीतीश कुमार को वोट देने के लिए लालायित नहीं हैं। सोच-विचार कर रहे हैं।

भागलपुर जिले के विभिन्न इलाकों में घूमते हुए यह अंदाजा लगने लगता है कि पारंपरिक मतदाताओं के भी टूटने और जुड़ने की प्रक्रिया गुप-चुप तरीके से चल रही है। स्थानीय लोग इस बात से भी हैरान हैं कि नाथनगर और कहलगांव विधानसभा की सीट लोजपा के खाते में दे दी गई।

तिलका मांझी चौक पर पीरपैंती के आशीष यादव बताते हैं कि वहां सीधी लड़ाई भाजपा गठबंधन और महागठबंधन के बीच ही है। जिले में युवाओं के बीच मोदी लहर है। इससे भाजपा की संभावना बनी हुई है। भागलपुर स्टेशन पर रमेश राय  ने बताया कि मोदी की रैली के बाद भाजपा की हालत यहां सुधरी है।

यहां के लोगों को 12 अक्टूबर को अपना प्रतिनिधि चुनना है। सुलतानगंज में रेलवे स्टेशन के पास चाय दुकान पर लोगबाग चुनाव को लेकर बतकही कर रहे थे। यहां एक बुजुर्ग रामचंद्र यादव ने बताया कि  ग्रामीण इलाके की जनता उम्मीदवारों को नाप-तौल रही है। वजह यह है कि जनता मजबूत उम्मीदवार चाहती है, जो उनकी आवाज उठा सके। जनता की नजर में जो बीस ठहरेगा, वह उसे ही वोट देगी।' 

यहीं एक युवा आदर्श सिंह मिलते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिहार की स्थिति बदली है। सड़कें बन गई हैं और बन भी रही है। गांव में बिजली भी रहती है। लड़कियां स्कूल जाने लगी हैं। इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ की।

नीतीश-लालू के महागठबंधन और एनडीए में टिकट बंटवारे को लेकर जो असंतोष उभरकर सामने आया है लोगबाग उसकी भी चर्चा कर रहे हैं।  भागलपुर बदल रहा है। चकमक होते इस शहर ने राजनीति के कई आयामों को देखा है। कभी यहां बाहर से लोग पढ़ने आते थे। टीएनबी के पास एक छात्र ने हंसते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की यह बात समझ में नहीं आती है कि वे लालू यादव के साथ रहेंगे और विकास भी करेंगे। विकास शब्द को लेकर लोगबाग नीतीश के साथ नरेंद्र मोदी को भी लपेट रहे हैं। मतदाताओं का रुझान कब किस तरफ जाएगा यह कहना कठिन है , बाद बांकी जो है सो तो हइए है। 

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