Thursday, November 27, 2008

बुधवार की काली रात......क्या कहना चाहते हो तुम?


मुंबई में जो कुछ भी बुधवार रात हुआ, उसके बारे में सोचकर रोएं खड़े हो जाते हैं। इसे अबतक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला तक कहा जा रहा है। हमने अपने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत कई सगे संबंधियों को खोया।
लगभग १६ घंटे गुजर चुके हैं और अभी भी पांचसितारा होटलों में मुठभेड़ जारी है। रक्त रंजित बुधवार की रात अभी भी दिल को दहला रही है।


आतंकवादी या फिर कोई भी अपराधी जब ऐसे कदम उठाते होंगे तो आखिर क्या सोचते होंगे....? सुना है अत्याधुनिक हथियारों से लैस हमलावर युवा हैं...(मैं था नहीं कह रहा हूं क्योंकि अभी भी ऑपरेशन जारी है)।

कोई कह रहा था कि आतंकवादी जिंस में थे-
एक रिपोर्ट
मुंबई में बुधवार रात हुए आतंकवादी हमले के बाद ताज होटल से निकलने में कामयाब रहे एक ब्रिटिश नागरिक का कहना है कि आतंकवादी 20-25 वर्ष के नवयुवक थे।


प्रत्यक्षदर्शी ने संवाददाताओं को बताया, "आतंकवादियों की उम्र 20-25 वर्ष से कम रही होगी। सभी ने जींस और टी शर्ट पहन रखी थी लेकिन वे बहुत की आक्रामक तेवर में थे। वे चिल्ला रहे थे कि वे अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिक को निशाना बनाने चाहते हैं।"


प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसके साथ 15 और लोग थे, जिनको दो आतंकवादी 18 वीं मंजिल पर ले गए। वहां धुआं ही धुआं था जिसकी वजह से वह और एक अन्य व्यक्ति वहां से भाग निकलने में कामयाब रहे। आतंकवादियों ने मशीनगन और राइफल ले रखी थीं।
फोटो- साभार बीबीसी

2 comments:

तरूश्री शर्मा said...

बढ़ते जा रहे हैं आतंक के हौंसले और हमें कुछ ना कर पाने की मजबूरी सताए जाती है। कुछ विस्फोट में मर जाते हैं और हम हर दिन इस दहशत में मरते हैं कि जाने कब हमारा या हमारे परिवार के किसी सदस्य का नाम उस सूची में शामिल हो जाए। कब तक बनती रहेंगी ये सूचियां....बस, अब और नहीं।

Sanjeev said...

बजरंगियों के नाम डाल दो यह कारनामा।