रावलपिंडी- हाथों में फूल व मोमबत्ती लेकर प्रार्थना करते लोगों को देखकर अनायास ही महसूस होगा कि आप किसी 'पीर के मजार' पर पहुंच गए हैं, लेकिन ऐसी बात नहीं है। दरअसल, यह नजारा है रावलपिंडी के लियाकत अली बाग का जहां पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी।
यहां पिछले वर्ष दिसंबर में एक चुनावी सभा के दौरान पाक की करिश्माई नेता भुट्टो की हुई हत्या के बाद उनके प्रशंसक इस स्थल को 'पीर की दरगाह' की तरह मानने लगे हैं। सुबह से लेकर शाम तक यहां लोगों का तांता लगा रहता है। फूल चढ़ाने व मोमबत्तियां जलाने के साथ यहां प्रार्थनाएं आयोजित हो रही हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक समर्थक खालिद मोहम्मद बट्ट ने कहा, "पीर की मजार की तरह लोग यहां पहुंचते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं।"उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग यहां सुबह में पहुंचते हैं। बाग के समीप कई दुकानों में बेनजीर की तस्वीरें बिकती है। बट्ट यहां रोज कई घंटे बिताते हैं। यहां की दुकानों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है।एक दुकानदार मीर अशरफ बाड़ा ने कहा, "इन दिनों मैं बेनजीर भुट्टो की तस्वीरें बेचकर प्रतिदिन पांच हजार रुपये तक कमा लेता हूं। दरअसल, पैसे मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। भुट्टो की तस्वीरें मुझे सुकून देती हैं। "
एक व्यापारी जावेद खान ने कहा, "बेनजीर की हत्या के बाद हमारी सहानुभूति आसिफ अली जरदारी के साथ है और निश्चित ही इसका उनको फायदा हुआ है। " गौरतलब है कि जरदारी पीपीपी के सह अध्यक्ष हैं और देश के सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं।
No comments:
Post a Comment