मुझे आदमी का सड़क पार करना हमेशा अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह एक उम्मीद - सी होती है कि दुनिया जो इस तरफ है शायद उससे कुछ बेहतर हो सड़क के उस तरफ। -केदारनाथ सिंह
Tuesday, January 09, 2007
GURU aur GULZAR
जागे है देर तक हम
कुछ देर सोने दो
थोडी सी रात और है
सुबह तो होने दो
आधे-अधुरे ख्वाब
जो पुरे नहो सके
इक बार फिर से
नींद मे वो ख्वाब बोने दो....
भाई दिल थामे मे रहिए अपने गुलज़ार चचा फिर धमाल मचाने वाले हैं, मणी भाई के संग और रहमान के हाथो अपने कलम को ज़ुबान दे रहे हैं,,,,समझे न! अरे गुरु सिनेमा घर में आने वाला है....तो सुनिए बेहतरीन गीत और खो जाइए.......
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2 comments:
intjaar to hame bhi tha dost...par GURU hyderabad me release hi nahi ho rahi shayad....
haan ye song bahut pyaara hai. Iska ek aur stanza bhi hai jo gaane mein add nahin hua.
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