Monday, December 25, 2006

आप इस किताब के जरिए उस्ताद को जान सकते हैं

आप इस किताब के जरिए उस्ताद को जान सकते हैं. पत्रकारिता की दुनिया के जाने पहचाने नाम शिवनाथ झा की यह प्रस्तुति वाकयी लाजबाब है.फोटो के साथ बातें बढाना इस किताब की खासियत है. वैसे भी शिवनाथ जी कलम की दुनिया में जौहर दिखाते ही रहते है, अब फोटो के साथ शब्द घोल रहे हैं....तो जनाब किताब को पलटने की कवायद तेज करें, लगे हाथ बता दूं कि किताब आपको online-http://www.aggarwaloverseas.com मिल सकती है..आखिर जमाने के साथ चलने में बुराई क्या है? बिस्मलाह की शहनाई को पन्ने में उकेरने के लिए एकबार फिर शिवनाथ झा को बधाई...........

1 comment:

Anonymous said...

kya baat hai janab ......main abhi dekh raha hun online es book ko..