मुझे आदमी का सड़क पार करना हमेशा अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह एक उम्मीद - सी होती है कि दुनिया जो इस तरफ है शायद उससे कुछ बेहतर हो सड़क के उस तरफ। -केदारनाथ सिंह
Thursday, October 19, 2006
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ की किताब 'इन द लाइन ऑफ़ फ़ायर' बाज़ार में आ गई है. पहले से ही इस किताब को लेकर काफ़ी उत्सुकता थी. विमोचन से पहले ही इसके अंश कई पत्र-पत्रिकाओं में आने शुरू हो गए थे. इस किताब में करगिल युद्ध, पाकिस्तान की परमाणु शक्ति और 11 सितंबर के हमलों के बाद पाकिस्तान की कूटनीति के बारे में 'कई जानकारियों' की चर्चा है. पहली बार उन्होंने स्वीकार किया है कि करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना भी शामिल थी. इससे पहले उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा था. इस किताब में उन्होंने लिखा है कि भारत हमले की तैयारी कर रहा था इसी कारण पाकिस्तान ने ऐसा किया. किताब में उन्होंने 11 सितंबर के हमलों के बाद अमरीका की उस धमकी का भी ज़िक्र किया है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान को ये तय करना है कि या तो वह अमरीका के साथ है या फिर आतंकवादियों के साथ. राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुए आगरा शिखर सम्मेलन का भी ज़िक्र किया है. साथ ही पाकिस्तान के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों बेनज़ीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ़ के बारे में भी लिखा है. परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल क़दीर ख़ान के बारे में भी उन्होंने विस्तार से लिखा है.
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