करगिल युद्ध
करगिल युद्ध को राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने अपनी जीत के रूप में पेश किया है. उन्होंने लिखा है कि भारत हमले की योजना बना रहा था और इसलिए नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने भी सैनिकों को तैनात किया. उन्होंने लिखा है कि भारत ने शिमला समझौते के बावजूद आगे बढ़ने की कोशिश की. पाकिस्तान ने अपना कौशल अच्छी तरह दिखाया. भारत पाकिस्तान की नई शक्ति को पूरी तरह भूल चुका था. मुशर्रफ़ ने लिखा है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस स्थिति का लाभ उठाया जो तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के लिए शर्मनाक था. राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने करगिल ऑपरेशन को पाकिस्तानी सेना के लिए 'बहुत अहम' बताया. उन्होंने लिखा है कि पहले कश्मीर में आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे मुजाहिदीन इसमें लड़ रहे थे लेकिन बाद में पाकिस्तानी सेना भी इस युद्ध में शामिल हुई. मुशर्रफ़ ने आगे लिखा है कि पाकिस्तानी सेना के पाँच बटालियन भारतीय सेना के चार डिविज़न के आगे डटे रहे. उन्होंने लिखा है कि उस समय के अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मांग को नवाज़ शरीफ़ ने स्वीकार किया और इसी कारण पाकिस्तानी फ़ौज वापस हटी. राष्ट्रपति मुशर्रफ़ ने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ योजना बनाने से लेकर उसे कार्यान्वित करने में शामिल थे. करगिल के बारे में मुशर्रफ़ का कहना है कि कश्मीर मसले के समाधान की दिशा में जो भी क़दम उठाए गए हैं वह करगिल संघर्ष के कारण ही है.
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