चनका में कल सुबह से लेकर रात तक बस सोलर लालटेन की बात होती रही। दीपावली में फूँकने की आदत के बीच हम उन बच्चों के बारे में सोच रहे थे जो शाम ढलते ही रोशनी के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पाते।
सोशल मीडिया के दोस्तों के सहयोग से आख़िर एक सपना पूरा हुआ- सोलर लालटेन का। हमारी तो दीपावली हो गई। एकतरफ़ जहाँ इस मुहिम की शुरुआत करने मेरे रंगरेज राजशेखर चनका पहुँचे वहीं हर मोड़ मेरा हौसला बढ़ाने वाले पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी भी पहुँचे थे। बच्चों के संग इन दोनों ने ख़ूब बातें की।
यह सबकुछ चनका में जिस तरह से होता जा रहा है, मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही है।
बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा नया करने वाले राजेश मिश्रा भैया भी दिन भर हमारे संग चनका में रहे। उन्होंने अभिभावक का फ़र्ज़ बख़ूबी निभाया। वे मेरे बड़े भाई हैं। हर मोड़ पर मेरे लिए खड़े हो जाते हैं। विद्या विहार स्कूल और विद्या विहार इंजीनियरिंग कॉलेज के ज़रिए पूर्णिया में वे शिक्षा का अलख जगा रहे हैं।
मधेपुरा से अपना छोटका भाई संदीप शांडिल्य आया था। इस शख़्स को देखकर ही मन हरा हो जाता है मेरा। आशीष सोना भैया आए थे, जो बिहार में सौर ऊर्जा को लेकर बड़ा काम कर रहे हैं। हमने जो सोलर लालटेन बच्चों को बाँटा, उसका निर्माण सोना भैया ने ही किया है। मधेपुरा से श्वेतांशु पार्थसार्थी आये थे, इस शांत-चित्त चेहरे से यह अपनी पहली मुलाक़ात थी। बासु मित्र भाई भी साथ रहे। चनका से उनका स्नेह जगज़ाहिर है। वे मुझे हमेशा गाँव के लिए आइडिया देते हैं। चिन्मय तो थे हीं, उनके बिना चनका रेसीडेंसी का कोई काम ही सफल नहीं हो सकता।
शाम में जब बच्चों को सोलर की दूधिया रौशनी में पढ़ाई करते देखा तो लगा कि हाँ , सपने साकार हो सकते हैं। पाँचवीं में पढ़ाई कर रही काजल ने कहा- ‘ अब लिखने में आँख दर्द नहीं कर रहा है भैया। एक चीज़ और, हम सबको कोई दूसरा स्कूल घुमाने ले जाइएगा? ‘ इन बच्चों से मुझे उम्मीद है। लेकिन सबसे आनंद आया अमित टुड्डू की बात पर। अमित ने कहा- ‘ हमको बाहुबली सिनेमा दिखाइयेगा? सिनेमा मेला कब लगाइएगा? ‘
इन बच्चों को खुलकर बोलते देखता हूं, तो ख़ुशी मिलती है। यह सब करते हुए बाबूजी की सबसे अधिक याद आती है, काश वे यह सब देखते....
फ़ेसबुक सहित आभासी दुनिया के उन सभी साथियों का शुक्रिया, जिन्होंने चनका के बच्चों तक सोलर लालटेन पहुँचाने में आर्थिक मदद की। सोशल मीडिया सचमुच में चनका के लिए बड़ी चीज़ है। चनका को लेकर जो कुछ सपने बुनता हूं वह साकार होता है। मित्र ‘निमित्त मात्र’ ठीक ही कहते हैं, ‘सब होगा ‘ !
सोशल मीडिया के दोस्तों के सहयोग से आख़िर एक सपना पूरा हुआ- सोलर लालटेन का। हमारी तो दीपावली हो गई। एकतरफ़ जहाँ इस मुहिम की शुरुआत करने मेरे रंगरेज राजशेखर चनका पहुँचे वहीं हर मोड़ मेरा हौसला बढ़ाने वाले पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी भी पहुँचे थे। बच्चों के संग इन दोनों ने ख़ूब बातें की।
यह सबकुछ चनका में जिस तरह से होता जा रहा है, मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही है।
राजेश भैया और सोना भैया |
मधेपुरा से अपना छोटका भाई संदीप शांडिल्य आया था। इस शख़्स को देखकर ही मन हरा हो जाता है मेरा। आशीष सोना भैया आए थे, जो बिहार में सौर ऊर्जा को लेकर बड़ा काम कर रहे हैं। हमने जो सोलर लालटेन बच्चों को बाँटा, उसका निर्माण सोना भैया ने ही किया है। मधेपुरा से श्वेतांशु पार्थसार्थी आये थे, इस शांत-चित्त चेहरे से यह अपनी पहली मुलाक़ात थी। बासु मित्र भाई भी साथ रहे। चनका से उनका स्नेह जगज़ाहिर है। वे मुझे हमेशा गाँव के लिए आइडिया देते हैं। चिन्मय तो थे हीं, उनके बिना चनका रेसीडेंसी का कोई काम ही सफल नहीं हो सकता।
शाम में जब बच्चों को सोलर की दूधिया रौशनी में पढ़ाई करते देखा तो लगा कि हाँ , सपने साकार हो सकते हैं। पाँचवीं में पढ़ाई कर रही काजल ने कहा- ‘ अब लिखने में आँख दर्द नहीं कर रहा है भैया। एक चीज़ और, हम सबको कोई दूसरा स्कूल घुमाने ले जाइएगा? ‘ इन बच्चों से मुझे उम्मीद है। लेकिन सबसे आनंद आया अमित टुड्डू की बात पर। अमित ने कहा- ‘ हमको बाहुबली सिनेमा दिखाइयेगा? सिनेमा मेला कब लगाइएगा? ‘
इन बच्चों को खुलकर बोलते देखता हूं, तो ख़ुशी मिलती है। यह सब करते हुए बाबूजी की सबसे अधिक याद आती है, काश वे यह सब देखते....
फ़ेसबुक सहित आभासी दुनिया के उन सभी साथियों का शुक्रिया, जिन्होंने चनका के बच्चों तक सोलर लालटेन पहुँचाने में आर्थिक मदद की। सोशल मीडिया सचमुच में चनका के लिए बड़ी चीज़ है। चनका को लेकर जो कुछ सपने बुनता हूं वह साकार होता है। मित्र ‘निमित्त मात्र’ ठीक ही कहते हैं, ‘सब होगा ‘ !
1 comment:
मुहिम सरहनीय है… इस मुहिम को शुरू करने से न केवल आपके मन को शांति मिलेगी, बल्कि उन बच्चों का भी भविष्य सुनहरा होगा, जो बिजली नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते थे। आपकी मुहिम जरूर रंग लाएगी। इस मुहिम से मैं भी जुड़कर काम करना चाहता हूं…
आपका छोटा भाई
शेखर झा
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