Thursday, September 10, 2015

रेसीडेंसी की योजना

बहुत दिनों से इच्छा थी कि अपनी मन की एक बात यहां सार्वजनिक करूं। बात कहिये या फिर एक किसान की योजना। दरअसल मैं अपने गाँव चनका में एक रेसीडेन्सी प्रोग्राम शुरू करना चाहता हूँ। चनका एक गाँव है जो बिहार के पूर्णिया जिला में स्थित है।
रेसीडेन्सी प्रोग्राम बेहद सामान्य तरीके से आरम्भ करूंगा। जहां कला, साहित्य, पत्रकारिता और अन्य विषयों में रूचि रखने वाले लोग आएं और गाम-घर में वक्त गुजारें। गाँव को समझे-बूझें। खेत पथार, तलाब कुंआ...ग्राम्य गीत..आदि को नजदीक से देखें।

बाबूजी की स्मृति में यह रेसीडेन्सी आरम्भ करने का इरादा है। मेरे पिता वैसे तो एक किसान थे लेकिन  उन्होंने अपना जीवन किसानी के संग रेणु साहित्य और अंचल के लिए समर्पित किया, अब  मैं उनकी यादों के सहारे इस काम को आगे बढ़ाना चाहता हूँ।

इस सम्बन्ध में आपलोगों का सुझाव चाहिए, आखिर कैसे इस काम को आगे बढ़ाया जाए। मैंने 1000 किताबें जमा की है लाइब्रेरी के लिए। दो बेडरूम, एक किचन, डाइनिंग स्पेस , बाथरूम, बरामदा के साथ एक छोटा सा कॉटेज तैयार किया है, जिसे फाइनल टच देना बाँकी है।

पूर्णिया शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर चनका गाँव है। आप सबों से आग्रह है कि सुझाव दें ।
किसानी करते हुए एक नई शुरुआत करना चाहता हूँ। किसानी को इस तरह जीना चाहता हूँ , जिससे आने वाली नई पीढ़ी भी गाँव की तरफ मुड़े। किसानी को भी लोगबाग पेशा समझे। किसानी से लोगों का मोह भंग न हो।

आप सब कुछ सुझाव दें ताकि मैं काम को आगे बढ़ा सकूं।
आपका
गिरीन्द्र

1 comment:

Unknown said...

गिरीन्द्र भैया, मुझे बड़ी खुशी होगी आपके साथ इस योजना में जुड़ने में।