शब्द में ताकत होती है, ये तो सब जानते हैं लेकिन इसमें नशा भी होता है, यह आज जाना। हम अक्सर एक शब्द बोलते हैं- कुछ नहीं। इसका अब यत्र-तत्र सर्वत्र प्रयोग करते रहते हैं। निराश हैं तो भी, खुश हैं तो भी और यदि झूठ बोल रहे हैं तो भी। कल की ही बात है, गूगल पर "Kuch Nahi" (कुछ नहीं) टाइप किया तो जो परिणाम आया, वह चौंकाने वाला था। दरअसल इस नाम से एक स्कॉच है।
शराबों की दुनिया में शब्दों की खेती करने वालों के लिए यह एक मजेदार टॉपिक हो सकता है। दरअसल स्कॉच, आयरिश, केनेडियन और अमेरिकन व्हिस्की विश्व की प्रमुख व्हिस्कियाँ हैं, लेकिन अब तक किसी को भी इस नाम (कुछ नहीं) पुकारा नहीं जाता था। ब्रिटेन में एक भारतीय बिजनैसमेन ने कुछ साल पहले स्कॉच का नामकरण कुछ नहीं किया था। मैंने जब पहली बार इस नाम को सुना तो एकबारगी विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब फोटो देखा तो भरोसा हुआ। दिल्ली में अपने मदिरा लवर यार से जब पूछा तो उसने बताया कि उसने एक बार दिल्ली एयरपोर्ट पर इस नाम की मदिरा खरीदी थी लेकिन अब नहीं मिल रही है।
शराब को लेकर लोगों की धारणाएं अलग-अलग रहती है। कोई इसे बुरा मानता है तो किसी के लिए यह सबकुछ होता है। कई लोग जब शराब के नशे में होते हैं और यदि आप उनसे पूछिएगा कि क्या आप नशे में हैं तो वह झुंझलाकर बोलता है- नहीं मैं नशे में नहीं हूं, वह खूब डॉयलॉग बाजी करेगा। वैसे कुछ नहीं नामक व्हीस्की झूठ के प्रसार को कम करने में मुख्य भूमिका निभा सकती है। जरा सोचिए, आप देर रात घर पहुंचते हैं (पीकर), आपसे घर में पूछा जाता है- फिर पी ली ? क्या पी रखी है? तब आपका जवाब होगा- कुछ नहीं। दरअसल आपका यह जवाब आपको झूठ से कोसों दूर ले जाएगा (ख्वाब रचने में क्या बुराई है..)
6 comments:
कोई बुराई नहीं है ख्वाब बुनने में. बढिया रिसर्च है भाई. वैसे कुछ नहीं बड़े काम के शब्द हैं. कई बार बचा लेते हैं, हौसला अफजाई कर जाते हैं.
बढियां नाम है..बिलकुल अब तो झूठ बोलने की बिल्कुले जरुरत नहिहाई...
kuchh nahi
wastav me ek nai cheej hai
pahli baar suna
sevan to jindagi bhar karna nahi hai
aur ha
aapne sahi kaha ki yah sachchai ko badhawa de sakti hai..magar sach sunne wale bhi us sach ko nahi jaan payenge jise ham kahenge..hahaha
kuchh nahi
wastav me ek nai cheej hai
pahli baar suna
sevan to jindagi bhar karna nahi hai
aur ha
aapne sahi kaha ki yah sachchai ko badhawa de sakti hai..magar sach sunne wale bhi us sach ko nahi jaan payenge jise ham kahenge..hahaha
bahut hi badhiyan ,ab to jhoot bolne ki jarurat hi nahi hai.good research lekin har bar aap is sach ko bolkar bach nahi sakte isliye be careful
ये बढ़िया है... :)
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