आज ग़ालिब चाचा का २१२वा जन्मदिन है
होगा कोई ऐसा भी कि ग़ालिब
को न जाने
शायर तो वो अच्छा है प' बदनाम
बहुत है
ग़ालिब ने अपने बारे में यह भी कहा
ग़ालिबे ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम
बंद हैं
रोईए ज़ार ज़ार क्या, कीजिए हाए हाए
क्यों
और यह भी कि
हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया पर याद आता है
वो हर इक बात पे कहना कि यह होता तो क्या होता
आज मैं उन्ही के लिखे से उन्हें जन्मदिन मुबारक कह रहा हूँ..सुन रहे हैं न चचा .....
'न था कुछ तो ख़ुदा था,
कुछ न होता, तो ख़ुदा होता
डुबोया मुझको होने ने,
न होता मैं तो क्या होता'!
1 comment:
गालिब जी को जन्मदिन मुबारक। वैसे उनका का ही एक शेर था याद नही आ रहा ढूढा तो भी नही मिला। खैर हम तो भूल ही गए थे कि आज गालिब का जन्मदिन है।
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