Friday, September 12, 2008

'दी लास्ट लियर' - शेक्सपीयर को श्रद्धांजलि




'चोखेर बाली' और 'रेनकोट' जैसी फिल्में बना चुके चर्चित निर्माता ऋतुपर्णो घोष की अंग्रेजी फिल्म 'दी लास्ट लियर' महान नाटककार शेक्सपीयर को श्रद्धांजलि कही जा सकती है। यह फिल्म आज रिलीज हो रही है।



अमिताभ बच्चन, प्रीति जिंटा, अर्जुन रामपाल, दिव्या दत्ता, जिशु सेनगुप्ता अभिनीत इस फिल्म की कहानी हरीश उर्फ हैरी (अमिताभ बच्चन) के इर्द-गिर्द घूमती है। 65 साल का यह शख्स घर बैठे, वोदका और रिटायरमेंट का आनंद ले रहा है। दुनिया की चिंता किए बगैर वह शेक्सपीयर की रट लगाते रहता है। शेक्सपीयर को लेकर वह जुनूनी है।

हैरी अपनी साथी वंदना (शेफाली शाह) के साथ कोलकाता के एक इलाके में सामाजिक बंदिशों की परवाह किए बिना रहते हैं। वे दुनिया के लिए अदृश्य हैं और आसपास की घटनाओं से बेखबर भी।

निर्माता अरिंदम चौधरी की इस फिल्म का मुख्य चरित्र हैरी अभिनय के लिए जीता है, उसे रंगमंच से प्यार है। वह शेक्सपीयर की पूजा करता है और सिनेमा को बिल्कुल नापसंद करता है।

एक दिन एक युवा, शांत और अड़ियल निर्देशक सिद्धार्थ (अर्जुन रामपाल) का उनकी जिंदगी में प्रवेश होता है। हैरी को पहली ही मुलाकात में वह समझदार लगता है, क्योंकि उसे हैरी के घर के बाहर टंगी वह घंटी दिख जाती है, जो आज तक किसी और को नहीं दिखी थी।

एक समझदार साथी पाकर हैरी को बेहद खुशी होती है जिसके साथ वह वार्तालाप कर सकता है। कॉफी, वोदका के बीच उनकी बातचीत और घनिष्ठता बढ़ती जाती है। हैरी से मिलने के बाद लोग पहले जैसे नहीं रह जाते। इस दौरान बहुत कुछ घटता है और कितने ही लोगों के जीवन में बदलाव आ जाता है।

5 comments:

Anonymous said...

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संगीता पुरी said...

अंग्रेजी फिल्म 'दी लास्ट लियर' की सफलता की कामना करती हूं।

Anonymous said...

Kanami sang imo blog. Daw spaghetti.

Anonymous said...

Thanks. Im Inspired again.

Anonymous said...

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