Wednesday, March 26, 2008

दिल्ली में बुजुर्गों की दुर्दशा



देश के सबसे संभ्रांत इलाकों में से एक दक्षिणी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे अधिक अत्याचार होते हैं। यहां रहने वाले बुजुर्गों को परिवार वालों से लेकर पड़ोसियों तक की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


गैर सरकारी संगठन ‘हेल्प एज इंडिया’ द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे अत्याचार हो रहे हैं। संगठन द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में दिल्ली के 1,183 वरिष्ठ नागरिकों ने हिस्सा लिया।


इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में ४१. ६ प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। अधिकतर मामलों में परिवार वालों द्वारा घर पर जबरन कब्जा करना शामिल है। साथ ही कई बार इन लोगों को अपने किराएदारों से भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दक्षिणी दिल्ली के बाद बुजुर्गों का सबसे अधिक उत्पीड़न मध्य दिल्ली में होता है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 20.8 फीसदी बुजुर्गों को विभिन्न प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


वहीं पूर्वी दिल्ली में ८.३ प्रतिशत और पश्चिम दिल्ली में १५.२७ प्रतिशत बुजुर्गों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। हालांकि, उत्तरी दिल्ली का आंकड़ा दिल्ली के अन्य हिस्सों की तुलना में कहीं कम (५.५ प्रतिशत) है।


वरिष्ठ नागरिकों को संपत्ति को लेकर सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार 52 फीसदी बुजुर्गों को संपत्ति संबंधी समस्यों से जूझना पड़ता है। ‘हेल्प एज इंडिया’ की कम्युनिकेशन प्रमुख निधी राज कपूर के अनुसार महिलाओं से अधिक पुरुषों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


निधी राज कपूर के मुताबिक, “संपत्ति संबंधी उत्पीड़न का शिकार होने वाले वरिष्ठ नागरिकों में 49 फीसदी पुरुष हैं। वहीं इन बुजुर्गों को कानून और पुलिस पर भी अधिक भरोसा नहीं है”। रिपोर्ट के अनुसार 49 प्रतिशत बुजुर्गो का उत्पीड़न उनके परिवार वाले ही करते हैं। वहीं पड़ोसी, कम्पनियां और मकान मालिक या किराएदारों द्वारा भी इन्हें सताया जाता है।



2 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

दिल्‍ली ही नही पूरे भारत की यही दशा है। दिल्‍ली तो दर्पण है।

Udan Tashtari said...

क्या करियेगा..मात्र अफसोस के सिवा.