मुझे आदमी का सड़क पार करना
हमेशा अच्छा लगता है
क्योंकि इस तरह
एक उम्मीद - सी होती है
कि दुनिया जो इस तरफ है
शायद उससे कुछ बेहतर हो
सड़क के उस तरफ। -केदारनाथ सिंह
Tuesday, December 26, 2006
1 comment:
Anonymous
said...
प्यार या तकरार है कैसे कोई जाने दो पक्षियों की बोली से रह गए हम अन्जाने।
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प्यार या तकरार है
कैसे कोई जाने
दो पक्षियों की बोली से
रह गए हम अन्जाने।
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