Monday, November 27, 2006

अगले जनम मोहे......

अब जो किये हो दाता, ऐसा ना कीजो अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो ऽऽऽऽजो अब किये हो दाता, ऐसा ना कीजोअगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो हमरे सजनवा हमरा दिल ऐसा तोड़िनउ घर बसाइन हमका रस्ता मा छोड़िन जैसे कि लल्ला कोई खिलौना जो पावेदुइ चार दिन तो खेले फिर भूल जावेरो भी ना पावे ऐसी गुड़िया ना कीजोअगले जनम मोहे बिटिया ना कीजोजो अब किये हो दाता, ऐसा ना कीजो...ऐसी बिदाई बोलो देखी कहीं हैमैया ना बाबुल भैया कौनो नहीं हैहोऽऽ आँसू के गहने हैं और दुख की है डोलीबन्द किवड़िया मोरे घर की ये बोलीइस ओर सपनों में भी आया ना कीजोअगले जनम मोहे बिटिया ना कीजोजो अब किये हो दाता, ऐसा ना कीजो...
javed akhter

No comments: