सिगरेट की फूंक के बाद निकलने वाला धुंआ,
जब बंद कमरे की सीलन को भी
अपने आगोश में ले चुका था,
तभी एकाएक वही जिसे तुम कहते हो ईश्वर,
लंबी सांस लेते हुए कमरे में दाखिल होता है।
तुम्हें ताज्जुब नहीं करना चाहिए,
क्योंकि उस धुंए को वह भी
अपने सीने में छिपाए रखा था.
उसे छुपाकर रखने दो अपने सीने में धुंआ
हम तो उसे बाहर निकालेंगे हीं
क्योंकि हमें बंद कमरे की सीलन को
अपने आगोश में लेना है ..
जब बंद कमरे की सीलन को भी
अपने आगोश में ले चुका था,
तभी एकाएक वही जिसे तुम कहते हो ईश्वर,
लंबी सांस लेते हुए कमरे में दाखिल होता है।
तुम्हें ताज्जुब नहीं करना चाहिए,
क्योंकि उस धुंए को वह भी
अपने सीने में छिपाए रखा था.
उसे छुपाकर रखने दो अपने सीने में धुंआ
हम तो उसे बाहर निकालेंगे हीं
क्योंकि हमें बंद कमरे की सीलन को
अपने आगोश में लेना है ..
1 comment:
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
Post a Comment