दोस्तों, ब्लॉग की दुनिया से काफी दिनों से कटा रहा. दरअसल अब कानपुर मेरा नया ठिकाना बन गया है. घर पर नेट से कटे रहने की वजह से यहाँ कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ. जल्द ही ये दूरी खत्म करने की कोशिश करूँगा. मैं अब कथा कानपुर से बांचुंगा. इस शहर को की आवो हवा मे रच बस रहा हूँ. अब यहीं की कथा, आपलोगों को सुनाऊंगा.
शुक्रिया
गिरीन्द्र
2 comments:
well
bhai aap hamare ghar ke najdik aa gaye hai.
mere layak koi sewa ho to batana
kanpur me ANI se ya kisi aur me
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