Saturday, May 30, 2009

कलम और कागज

सादे कागज पर कुछ लिखने की ख्वाहिश है
कलम को दो ऊंगलियों में फंसाकर लिखने की ख्वाहिश है।

की-बोर्ड के चक्कर में कलम केवल बैग और जेब में रहने लगी
अब फिर से कलम से लिखने की ख्वाहिश है।

बटन पर फेरते ऊंगलियों को
कुछ शरारत करने की ख्वाहिश है
सादे कागज को कलम से रंगने की ख्वाहिश है।

कैमलिन की इंक और कैमलिन की ही कलम से
कुछ लिखने की ख्वाहिश दबाए ऊंगलियां सुगबुगा रही है।

कलम चलती है अब बस चैकबुक पर बांकी जगह तो की-बोर्ड ही काफी है
फिर से सादे कागज को कलम से पाटने की ख्वाहिश है।

2 comments:

अनिल कान्त said...

aasha karte hain ki aap ye apni khwahish bahut jald poori kar lenge

sada said...

आपने रचना के माध्‍यम से बिल्‍कुल सत्‍यता व्‍यक्‍त की है ।
आभार