कलम को दो ऊंगलियों में फंसाकर लिखने की ख्वाहिश है।
की-बोर्ड के चक्कर में कलम केवल बैग और जेब में रहने लगी
अब फिर से कलम से लिखने की ख्वाहिश है।
बटन पर फेरते ऊंगलियों को
कुछ शरारत करने की ख्वाहिश है
सादे कागज को कलम से रंगने की ख्वाहिश है।
कैमलिन की इंक और कैमलिन की ही कलम से
कुछ लिखने की ख्वाहिश दबाए ऊंगलियां सुगबुगा रही है।
2 comments:
aasha karte hain ki aap ye apni khwahish bahut jald poori kar lenge
आपने रचना के माध्यम से बिल्कुल सत्यता व्यक्त की है ।
आभार
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