Sunday, January 25, 2009

जो बस खरीद ले एक झंडा......

नोएडा मोड़ पर गाड़ी रूकती है
बत्ती लाल होती है, मिनटों में हरी हो जाती है।
गाड़ी फिर आगे बढ़ जाती है, पर
मन वहीं थम जाता है।
कई चेहरे एक साथ याद आते हैं
दिन अकले रह जाता और
रात भी अकेली गुजर जाती है।
मैं उन चेहरों को याद करना चाहता हूं
जिसे नोएडा मोड़ पर देखा था।
हाथ में तिरंगा लिए छोटे बच्चे
बस वही याद रह जाता है
गणतंत्र लेकिन लगता है धनतंत्र
पतली सी शर्ट, हवा भी बहती है
लेकिन तिरंगे को लिए वो छोटा बच्चा
अपने ग्राहकों को खोज रहा है
जो बस खरीद ले एक झंडा......

4 comments:

Aadarsh Rathore said...

बहुत सटीक रचना

Manish Kumar said...

सही कहा भाई !

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर........गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

Udan Tashtari said...

संवेदनशील हृदय से निकले सहज भाव! बनाये रखिये.


आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.