Saturday, December 22, 2007

शास्त्रीय संगीत असली सोना है,आर्टिफिशयल चीज नहीं है- पंडित जसराज


शास्त्रीय संगीत असली सोना है,आर्टिफिशयल चीज नहीं है- पंडित जसराज


हरियाणा के पीली मंदोरी जैसे छोटे से गांव में इनका जन्म हुआ, अपनी महानता को कभी भी इस शख्स ने उजागार नहीं किया। विश्व इनकी आवाज और भजनके ताल पर झूमता नजर आता है। आपका स्वागत है संगीत सम्राट पंडित जसराजकीभक्ति के क्लासिकल दुनिया में। "जय हो" करिश्माई सम्मोहक अंदाज से मन कोमोहने वाले जसराज बनारस से लेकर न्यूयार्क तक शास्त्रीय संगीतकोपहुंचानेका काम कर रहे हैं। शास्त्रीय संगीत को लेकर उनके विचार दिल कोछू जाते हैं...........


1। जमाना बदल गया है। हर चीज की मार्केटिंग हो रही है, इसमें शास्त्रीयसंगीत कहां है?


- हम शास्त्रीय संगीत की मार्केटिंग नहीं करते हैं। और न हीं मुंहमियों मिट्ठू बनते हैं। एक दो अख़बार हीं शास्त्रीय संगीत पर छोटे-मोटेलेख ठापते हैं। लोग आज नकली चीजों में ज्यादा रूचि ले रहे हैं।


2। आख़िर इसमें रूचि लेने का नुस्खा क्या है?


- शास्त्रीय संगीत सोना है, कोई आर्टिफिशयल चीज नहीं है। इससे प्यारकरना होता है। इसमें डूबना होता है और जो इससे प्यार करता है, वह इसी मेंरच बस जाता है। एक दौर में कव्वाली, भजन सिर चढ़ कर बोल रहे थे, आज कुछऔर बोल रहा है। लेकिन इन सब में क्लासिकल संगीत अपनी सतत धारा में एक गतिसे चल रही है।


3। कहा जाता है कि शास्त्रीय संगीत के लिए यदि मंच चाहिए तो विदेश की ओररूख करें, इस संबंध में आपका क्या कहना है?


- विदेशों में 25-30 साल पहले की तुलना में आज बहुत बदलाव आए हैं। वहांके लोग भी अब कहने लगे हैं कि असली संगीत भी बस यही है...। वहां से वापसआने वाली हर चीज के भाव यहां पर बढ़ जाते हैं। कोई विदेश से आता है तोउसकी बढ़ियां खातिरदारी होती है, शास्त्रीय संगीत के साथ भी यही हो रहाहै।


4। अपनी लंबी विदेश यात्रा के दौरान आप संगीत वाद्य यत्रों के अलावा औरक्या रखते हैं?


- पोर्टेबल सीडी प्लेयर। मेरी बेटी दुर्गा ने दिया है। हिन्दी फिल्मेंमुझे बेहद पसंद है। अपनी लंबी यात्रा में फिल्में देखता हूं।


5। शाश्त्रीय संगीत को घर-घर तक पहुंचाने में आपकी नजर में कौन सहायक हो सकता है?


- इसके लिए सभी को आगे बढ़ना होगा, मीडिया को भी इसके लिए कदम उठाने होंगे।


6। युवा क्लासिकल संगीतज्ञों का भविष्य आप क्या देख रहे है?- युवाओं का ब्रिगेड तैयार है, सभी का भविष्य उज्जवल है।


7। शास्त्रीय संगीत को आप किस प्रकार परिभाषित करेगें?


- संगीत को परिभाषित करना मेरे बस की बात नहीं है। यह तो रूह की चीज है।इसके लिए बस रियाज की जरूरत है॥।
8- अंत में अपने संगीत प्रेमियो को आप क्या कहेगे?
- रियाज़ करें और संगीत को सुनें.............. (अपने करिश्माई अंदाज मेंहाथ उठाकर – "जय हो" )







No comments: