Tuesday, September 11, 2007

एक शाम........जहां गम नहीं केवल खुशी और खुशी.....

(देरी के लिए माफी..दरअसल यह अनुभव शुक्रवार 7 सिंतबर का हीं है.....)
शुक्रवार की शाम मेरे लिए खास रही। कारण दो रहे। पहला यह कि हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता द्वारा लिखित एक पुस्तक समारोह में जाने का मौका मिला और दूसरा यह कि एक जिंदादिल-हंसमुख इंसान से घंटो बतियाने का मौका मिला। सारांश यह है कि शाम सुहाना बना रहा।
दरअसल आलोक मेहता की किताब सफर सुहाना दुनिया का लोकार्पण लोदी रोड स्थित wwf-India में होना था। मैं भी अपने दफ्तर की ओर से कवर करने पहुंचा। वहां पता चला कि जनाब आलोक मेहता का जन्मदिन भी है। किताब दरअसल पर्यटन के लिहाज से काफी अच्छी है। विभिन्न देशों की यात्राओं को उन्होंने रोचक ढ़ंग से किताब में प्रस्तुत किया है। किताबों से इश्क फरमाने के कारण मैं ऐसे मौके को हाथ से जाते कभी नहीं देख सकता......।

अब बात पते की, कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद अपने अड्डे की ओर जाने के लिए हम इधर-उधर नजर दौडाने लगे । हमें चाहिए था एक ऑटो, जो हमें आईटीओ तक पहुंचा दे। लंबे इंतजार के बाद एक ऑटो नसीब हुआ। हम लोग तीन थे। जिसमें एक को टाइम्स ऑफ इंडिया दफ्तर जाना था, बांकि बचे हम दो...हमें तो अपने घर पहुंचना था। खैर, हमारे ऑटो चालक थे बड़े मजेदार। नाम हुआ पं. सुरेश शर्मा, सर्ववगुण संपन्न। आप कह सकते हैं कि वे बहुयामी प्रतिभा के धनी हैं। जैसे गीतकार वैसे हीं गुणी वाचक। बात को अलग अंदाज में पेश करने में माहिर हैं शर्माजी। किशोर दा के गीत हों या फिर मन्ना डे के गाए गीत, हर पर उनकी आवाज जंचती नजर आयी। वे विगत 23 साल से यहां ऑटो चला रहे हैं। थियेटर में उनकी गहरी रूचि है। उनके हाव-भाव भी उनके नाटकियता की ओर इशारा करती है। सबसे रोचक बात उनके बारे में यह है कि वे बेहद हंसमुख हैं......आप कह सकते हैं कि शर्मा जी हर फिक्र को वे धुएं में उड़ाने में कामयाब रहे हैं। हमने उनसे लंबी बात की...कहीं भी वे ऐसी बात करते नजर नहीं आए जिसमें दुख लैस मात्र भी हो। हमें मानना पड़ा कि शर्मा जी हैं कमाल के....इनके अंदर एक ऐसी खूबी है जो किसी को भी तरोताज़ा कर सकती है.....तो सलाम इस शख्स को.......
यदि आपको भी कभी इनसे बतियाने का मूड हो ता आप इन्हें कॉल कर सकते हैं-
09312077068

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