माननीय प्रधानमंत्री जी,
योग दिवस की शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री जी, बिहार में एक जगह है- मुजफ्फरपुर। आपके स्वास्थ्य
मंत्री वहां गए थे। दरअसल चमकी बुखार ने मुजफ्फरपुर में आतंक मचा रखा है। बच्चों
की मौत हो रही है। आप प्रधानमंत्री हैं, आपको विस्तार से क्या बताया जाए, आपको तो सब पता ही होगा।
सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल का दौरा किया था।
इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों की कमी की बात मानी थी और पटना और दरभंगा के अतिरिक्त
डॉक्टरों की टीम भेजने का ऐलान किया था । देश के तमाम बड़े समाचार चैनल के बड़े
पत्रकार भी उस अस्पताल का दौरा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी, देश-विदेश की हर छोटी बड़ी जानकारी आपके पास है। ऐसे
में मुजफ्फरपुर की भी जानकारी आपको होगी। वहां की घटनाएं, वहां के दृश्य देखने की
हिम्मत नहीं है। कई लोग अपने स्तर से वहां सहायता कर रहे हैं। हर कोई अपने स्तर से
कुछ न कुछ कर रहा है। अलग-अलग जिले के लोग बीमार लोगों की सहायता के लिए आवश्यक
सामान के साथ मुजफ्फरपुर और आसपास तैनात हैं, बिना किसी सरकारी सहायता के। वे काम
कर रहे हैं और उसका सकारात्मक परिणाम भी दिख रहा है।
प्रधानमंत्री जी, सरकार से बड़ा कोई तंत्र नहीं है, वह यदि
चाहे तो स्थिति में सुधार ला सकती है। आप हर महत्वपूर्ण मसले पर सोशल मीडिया पर
लिखते हैं, ट्विट करते हैं। मोदी जी, इस मसले पर भी कुछ बोलिए और सरकारी तंत्र को मजबूत
करिए।
आपकी जानकारी के लिए मैं नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला
देना चाहूंगा जिसमें कहा गया है कि मुजफ्फरपुर जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कोई भी ऐसा नहीं है, जिसे इस लायक भी समझा जाए कि उनकी रेटिंग की जा सके।
हेल्थ मिनिस्ट्री के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फर्मेशन सिस्टम (HMIS) के आंकड़े बताते हैं कि जिले के सभी 103 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और इकलौते सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र इस लायक भी नहीं हैं कि उनका मूल्यांकन किया जा सके।
प्रधानमंत्री जी, अपने व्यस्त
समय में से कुछ पल बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के लिए निकालिए। आप तो कहीं भी पहुंच
सकते हैं, बच्चों की खातिर आप आइए।
आपको यह पाती इसलिए भी लिख
रहा हूं क्योंकि विपक्ष अब नहीं है, जिसका प्रण आपने लिया था, ऐसे में प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी को पक्ष-विपक्ष दोनों की भूमिका में आकर बच्चों के लिए कुछ करना
होगा। बाद बांकी, वक्त गुजरते देर नहीं लगती है लेकिन घाव सूखने के बाद दाग तो रह
ही जाता है। आपसे उम्मीद तो कर ही सकते हैं।
आपका
गिरीन्द्र
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