Wednesday, October 26, 2016

धनतेरस के दिन चनका में कुछ अलग

यदि धनतेरस के दिन बाज़ार से फ़ुर्सत हो तो आइये हम सब मिलकर गाँव-घर में करते हैं असली 'धन' की पूजा-अर्चना। असली धन, मतलब 'स्वास्थ्य, प्रकृति और कृषि'।

गाम-घर में इन दिनों धनकटनी का मौसम है। खेतों को नए फ़सलों के लिए सजाया- सँवारा जा रहा है। हम किसानी कर रहे लोग अपने घरों के सामने धान की तैयारी में लगे हैं।

ऐसे अवसर पर हम अपने गाँव में इस बार धन्वंतरी जयंती मनाने जा रहे हैं, जिसमें हम किसानों के संग उन पेड़ -पौधों की बात करेंगे जो हमारे लिए दवा का काम करती है। उन फ़सलों की बात करेंगे जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है। हम आदिवासी टोले के अपने लोगों से जानेंगे कि वे किस तरह जंगली फूल -पौधों से दवा बना लेते हैं। संथाली दोस्तों के ढोल की थाप को सुनने की इच्छा है, जिसके ज़रिए वे आज भी इलाज करते हैं। यह सबकुछ हम पेड़-पौधों के बीच करेंगे। शहर की आपाधापी से दूर।

यदि आप भी आना चाहते हैं तो आपका स्वागत है 'चनका' गाँव में। आइये कुछ वक़्त गाम-घर को देते हैं, खेत -पथार की दुनिया को समझते हैं।

(28 अक्टूबर , दिन शुक्रवार, समय सुबह  10 बजे से)

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