पुरी में दुर्गा पूजा और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को आधार बनाकर कलाकार ने रेत से ये ख़ूबसूरत कलाकृति बनाई हैबचपन के दिनों में दुर्गा पूजा में हम हॉस्टल से घर आया करते थे। बाद में इसके साथ मेला घुमने का भाव भी जुड़ा लेकिन ऐसा काफी कम दिन ही हो सका। पढ़ाई और फिर नौकरी के चक्कर में पूजा मंडपों से उठने वाली धूप की सुगंध और कलश के नीचे उगने वाली जयंती हमसे दूर होती गई। आज बीबीसी पर उड़ीसा के एक कलाकार की रेत की इस कृति पर नजर गई तो पुरानी यादों में खो सा गया और नीचे की तस्वीर में डॉना की प्रस्तुति से महालया की याद आ गई। पहले डीडी नेशनल पर कलशस्थापना के एक दिन पहले तड़के हम यह देखा करते थे।
तस्वीर उधार बीबीसी हिंदी डॉट कॉम
2 comments:
BBC se udhar lene kaa kyaa jaroorat tha, GIRINDRA bhai hamase kahate to kya ham aapako tasveer nahee de dete.. ha ha ha ha
दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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