वाराणसी- पद्म विभूषण तबला सम्राट पं। किशन महराज के जल्दी स्वस्थ होने की कामना से मृत्युंजय महादेव मन्दिर में शास्त्रीय संगीतकारों ने सवा मन गाय के दूध से दुग्धाभिषेक किया और सम्पूर्ण काशीवासियों की ओर से काशी के पारंपरिक हर हर महादेव के गगनभेदी नारों का उद्घोष किया।
गौरतलब है कि चार दिन पहले पंडित जी को हुई ब्रेन हेमरेज की शिकायत पर उन्हें एक निजी नर्सिंग होग में भर्ती कराया गया था। तब से उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। उनकी देख रेख कर रही उनकी बेटी अंजलि ने बताया कि उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, लेकिन वे अभी भी बेहोश ही हैं।
किशन महाराज का इलाज कर रहे डाक्टर के। पी। सिंह का कहना है कि पंडित जी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है, उनका रक्तचाप और हार्टबीट भी लगभग सामान्य ही है। लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है, क्योंकि उन्हें होश नहीं आ रहा है। डॉक्टरों की नजर उन पर बराबर बनी हुई है।
वैसे भी वाराणसी के पूरे संगीत जगत में उदासी छाई हुई है। दुग्धाभिषेक के बाद शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्रा ने रुं धे स्वरों में बताया कि किशन महाराज बिस्मिल्ला खां के बाद बनारस के आखिरी स्तंभ माने जाते थे। राजेश्वर आचार्य ने तो यहां तक कह दिया कि किशन महाराज को बनारस का संरक्षक माना जाता था, इसलिए समस्त काशीवासी उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
1 comment:
शीघ्र स्वास्थ लाभ के लिये हमारी भी शुभकामनाऐं.
Post a Comment