टेलीविज़न चैनल जिस


ख़ैर अब जब फ़िल्म को इतना ठंडी प्रतिक्रिया मिली है तो क्या वही चैनल वाले उनकी शादी तोड़ भी देंगे? हो सकता है.
ये भी हो सकता है कि इस कहानी के बाद फ़िल्म का कलेक्शन ज़ोर पकड़ ले. वैसे ऐश और अभिषेक भले ही अच्छे दोस्त हों लेकिन पर्दे पर उनकी दोस्ती कभी रंग नहीं लाई है.
ढाई अक्षर प्रेम के और उसके बाद कुछ ना कहो- दोनों बॉक्स ऑफ़िस पर पिट गई थी. अब अगर कोई चांस है तो वो है- आदित्य चोपड़ा की धूम-2 में.
वैसे धूम-2 में ऐश्वर्या ऋतिक के साथ हैं. लेकिन अभिषेक भी फ़िल्म में तो है हीं. और इतना तो है कि बंटी और बबली में अभिषेक और अमिताभ के साथ जब ऐश ने कजरा रे पर पर ज़ोरदार डांस किया तो गाना सुपरहिट हो गया.
2 comments:
जेपी दत्ता जी ने भी इस बार ग़लत जगह अपनी टांग अड़ाई है। उनकी विशेषज्ञता बॉर्डर और एलओसी जैसी फिल्में बनाने में है, न कि ऐतिहासिक और रोमांटिक फिल्मों में।
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thanks pratik ....i like your comment.
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