पश्चिम बंगाल में 2026 के मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होना है। भारतीय जनता पार्टी अभी से अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से संसद भवन में मुलाकात की थी। इस मुलाकात में मोदी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से राज्य में कड़ी मेहनत करने को कहा था।
दरअसल बिहार के बाद भाजपा का अब लक्ष्य बंगाल है, जहां पार्टी आज तक सरकार नहीं बना पाई है।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई राज्यों में कमल खिल चुका है लेकिन पश्चिम बंगाल में अबतक कमल नहीं खिला है। वैसे बीजेपी बंगाल में कमल खिलाने की कोशिश में लंबे समय से लगी है। बंगाल फतह करने का बीजेपी का सपना अभी तक अधूरा है।
पश्चिम बंगाल में फतह हासिल करना भाजपा की दिली तमन्ना है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन, उसके बाद के दो चुनावों 2022 के विधानसभा और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अपने उस प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई।
तमाम कोशिश के बाद भी वह एक सीमा से आगे नहीं बढ़ पा रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी रणनीति बदल रही है। वह अब चुनाव को पूरी तरह से हिंदू राष्ट्रवाद के मसले पर केंद्रित नहीं करना चाहती है क्योंकि राज्य में करीब 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इसके साथ पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां बिहार-यूपी की तरह जाति बहुत अहम मुद्दा नहीं है।
वैसे यह सच है कि बिहार चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी का आत्मविश्वास मज़बूत हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल के बीजेपी सांसदों के साथ बैठक में टीएमसी की नाकामियों पर फोकस करने की सलाह दी थी। ऐसे में बंगाल में बीजेपी के सांसदों और विधायकों ने कमर कस ली है और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव अभियान के लिए तैयारियों को बढ़ा दिया है।
बंगाल में चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के 'बंगाल मिशन' के तहत पार्टी पूरे महीने राज्य में 13,000 रैलियाँ करेगी, जो 5 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेंगी। ये रैलियाँ ग्रामीण और शहरी इलाकों में आयोजित होंगी। बीजेपी ममता और पार्टी के सदस्यों पर व्यक्तिगत हमले करने के बजाय भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और वंशवाद जैसे मुद्दों पर टीएमसी को निशाना बनाएगी।
इसके अलावा बीजेपी स्थानीय मुद्दों जैसे बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों की समस्या और बांग्लादेश के घुसपैठियों के मुद्दे पर भी टीएमसी को घेरेगी। इसके लिए पार्टी ने राज्य के सभी बूथों पर संगठनात्मक सक्रियता बढ़ाने का फैसला लिया है।
बंगाल चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने के लिए पीएम मोदी भी राज्य में रैलियाँ कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार चुनाव अभियान के तहत पीएम मोदी राज्य में 7 चुनावी रैलियाँ कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 दिसंबर को बंगाल का दौरा करेंगे। वह नादिया जिले में जनसभा को संबोधित करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान पीएम मोदी बंगाल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक भी करेंगे। उसमें संगठन की तैयारियों, चुनावी रणनीति, प्रमुख मुद्दों और अभियान की दिशा पर मंथन होगा। पार्टी राज्यभर में व्यापक जनसंपर्क की तैयारी कर रही और जनवरी में 4 से 6 परिवर्तन यात्राएं शुरू करने की योजना है।
इन यात्राओं का मकसद जिलों में जनता से जुड़ना, संगठन को मजबूत करना और तृणमूल सरकार से जुड़े मुद्दों को उजागर करना है। प्रधानमंत्री के भी इनमें से एक बड़ी परिवर्तन यात्रा को संबोधित करने की संभावना है, जिससे चुनावी माहौल और गरमाएगा।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जनवरी से बंगाल का दौरा शुरू कर सकते हैं। वह बूथ स्तर पर जमीनी हालात का जायजा लेंगे, संगठन को मजबूत करने पर ध्यान और पार्टी की रणनीति को धार देंगे। भाजपा आगामी चुनावों में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा, घुसपैठ और स्थानीय शासन संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
इन सबके बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रही है। क्योंकि हाल ही में कई राज्यों में हुए चुनावों में प्रदेश सरकार की योजनाओं के बदौलत ही पार्टियां सत्ता में बरकरार रही है। राज्य सरकार श्रमश्री योजना, स्वास्थ्य साथी योजना, ग्रामीण आवास सुरक्षा योजना (बांग्लार बारी), महिलाओं और छात्रों के लिए योजनाएं, खाद्य साथी योजना जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से घर – घर तक पहुंचाने में जुट गई है।
अगले साल बंगाल में होने वाला विधानसभा चुनाव टीएमसी और बीजेपी दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। सवाल है कि ममता बनर्जी चौथी बार मुख्यमंत्री बन पाएंगी या बीजेपी राज्य में अपनी सरकार बनाने में सफल हो पाएगी। बंगाल के चुनाव को लेकर राज्य की राजनीति जोर पकड़ती जा रही है। अब देखना इस बार बंगाल का सियासी ऊंट किस करवट बैठता है।
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