Saturday, August 13, 2022

जीवन चलता ही रहता है!

जीवन चलता ही रहता है ! लेकिन स्मृति में बिछड़ गए लोग बने रहते हैं, हर मोड़ पर वह मुस्कुराते मिल जाते हैं। ऐसे लोग हमेशा संग में बने रहते हैं।

स्मृति ऐसी चीज है, जिसमें हम अपने को खोज ही लेते हैं, कहीं भी! कहीं बजते किसी गीत के बोल में, किसी पेंटिंग - स्केच में तो किसी बहते पानी में... 

बिछड़े लोग कुछ न कुछ सीख देकर ही बिछड़ते हैं। बिछड़ कर वे गुरु की माफिक हो जाते हैं, जो दुःख भी देते हैं तो कुछ सिखाने के लिए ही। उम्र से परे हो जाते हैं बिछड़े लोग, मानो आसमां में उमड़-घुमड़ रहे हों। उनका बरस जाना हमें भीतर से भींगो देता है। आँख जब भर आती है तो लगता है, कन्धे पे हाथ दिये वह मुस्कुरा रहा हो... 
किसी के चले जाने का दुःख कोई बयां नहीं कर सकता। हम दुःख में अपने बिछड़े को याद करते रोते हैं, दिन काटते हैं लेकिन आसपास सबकुछ चलता रहता है, तेज़ रफ्तार में...

जीवन यही है! हमारा दुःख हमारा होता है, हमें ही ख़ुद को संभालना होता है, आसपास सबकुछ चलता रहता है, बहता रहता है, गंगा नदी की तरह, जिसमें सबकुछ है, पत्थर भी, माटी भी,  पूर्णिमा भी अमावस भी।

1 comment:

Nitish Tiwary said...

बहुत खूब कहा आपने।