पटाखे की आवाज़
जब भी सुनाई देगी
दौड़ कर आइने के पास
चला जाऊंगा
पूछूंगा खुद से
जब दुनिया
एक जैसी बीमारी से
लड़ रही था,
जब लोग मर रहे थे,
पड़ोस में कोई बीमार था
तब तुम्हारे भीतर किस रंग में
प्रवेश करता है
एक उत्सव
और तुम नाचते गाते
फोड़ने लगते हो पटाखे।
क्या पटाखे फोड़ कर
नींद आई थी तुम्हें?
खुर्राटे मार कर सोये होंगे।
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