Saturday, February 21, 2009

डॉयरी

डॉयरी के पन्ने को पलट कर देखा
पूरा का पूरा साल पन्ने में कैद देखा
डॉयरी जब बनी होगी, पता नहीं इसमें क्या होगा
जब पहली बार कोई डॉयरी में लिखा होगा
पता नहीं उसे क्या मिला होगा
हमेशा से झूठ बोलने वाला
जब पहली दफा डॉयरी लिखा होगा
तब पहली दफा सच लिखा होगा
खुद में खुद को देखने वाला
डॉयरी में खुद को पाता है
बंधन में रहने वाला जब दर्पण देखता है,
तब वह खुद को बंधन मुक्त पाता है
इसलिए भाई
डॉयरी लिखनी चाहिए
खुद को एक दफा ही सही
खुद से बात तो करनी चाहिए।

6 comments:

  1. dairy mai hamesha sach hi likhna chahiye

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  2. dairy mai hamesha sach hi likhna chahiye

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  3. भाई गिरीन्द्र जी डायरी एक असूल है कि उसमें सच ही लिखना चाहिए और सच लिखना हर किसी के वश में नहीं। और जो सच लिख दें उसमें तो डायरी जान से प्यारी हो जाती है और उसे सात तालों में रखना पड़ता है।

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  4. फ़ालो करें और नयी सरकारी नौकरियों की जानकारी प्राप्त करें:
    सरकारी नौकरियाँ

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  5. गिरीन्द्र भाई, खुद की रचना है?

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  6. हां आशीष दा, लिखने की कोशिश कर रहा हूं।

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