फुलबनी(उड़ीसा) से-
इस बात को शायद कम लोग जानते होंगे कि जो कंधमाल पिछले दो महीने से ईसाई विरोधी हिंसा को लेकर बदनाम है, वह दुनिया की सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जैविक हल्दी भी उपजाता है।
हिंसा के आरोप में गिरफ्तारी के डर से वहां के किसानों के अभी तक जंगलों में छुपे होने के बावजूद इस वर्ष वहां की जलवायु हल्दी के लिए अनुकूल रहने के कारण ज्यादा पैदावार की उम्मीद है।
कंधमाल एपेक्स स्पाइस एसोसिएशन फॉर मार्केटिंग (केएएसएएम) के सचिव प्रमोद पाठक के अनुसार पिछले साल जिले में हल्दी का कुल उत्पादन 9 हजार टन था। इस वर्ष यह आकड़ा 10 हजार टन से भी ऊपर पहुंचने का अनुमान है।
ज्ञात हो कि केएएसएएम राज्य द्वारा संचालित एक ऐसी संस्था है जो परंपरागत तरीके से मसाला उत्पादन करने वाले भारतीय किसानों का उस क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करती है। इसमें 61 समूह और 12 हजार सदस्य शामिल हैं।
यहां उपजाई जाने वाली हल्दी कंधमाल हल्दी के नाम से जानी जाती है और इसे जैविक गुणवत्ता के लिए सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रमाण पत्र प्राप्त है। जिले का कुल हल्दी व्यापार 30 करोड़ रुपये का है।
भुवनेश्वर से करीब 200 किलोमीटर दूर जंगलों से घिरे इस पहाड़ी जिले की 6 लाख की आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से की आजीविका हल्दी पर निर्भर हैं।
हल्दी बोने वाले ज्यादातर किसान आदिवासी हैं। हल्दी उपजाना इनका खानदानी पेशा है। लेकिन जब से क्षेत्र में ईसाई विरोधी हिंसा भड़की है, गिरफ्तारी के डर से तमाम किसान जंगलों में छुपे हुए हैं।
2 comments:
ये भी नई जानकारी है -मालूम न था कि वहाँ हल्दी होती है. आभार!!
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
बहुत सुंदर लिखा है| दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये |
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