Sunday, April 27, 2008

अंग्रेज लेखक ओरवेल के घर का पुनरोद्धार कराना चाहता है ब्रिटिश दंपति


एक ब्रिटिश दंपति ने बिहार के मोतिहारी जिले में स्थित महान अंग्रेज लेखक जॉर्ज ओरवेल के पैतृक घर का पुनरोद्धार करवाने और उसे पर्यटकों के लिए विकसित करने की इच्छा व्यक्त की है।


ओरवेल 'एनिमल फार्म' और '1984' जैसी साहित्यिक कृतियों के लिए जाने जाते हैं। लंदन के अवकाश प्राप्त अंग्रेजी के प्रोफेसर क्लाइव कोलिंस और उनकी पत्नी मोनिका कोलिस ने ओरवेल के पैतृक घर के पुनरोद्धार के लिए मोतिहारी के जिलाधिकारी और स्थानीय रोटरी क्लब को पत्र लिखा है।


गौरतलब है कि ओरवेल का जन्म वर्ष 1903 में नेपाल सीमा पर स्थित मोतिहारी में हुआ था। उनके पिता रिचार्ड ब्लेयर यहां पर भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी थे। ओरवेल का यह घर दशकों से उपेक्षित है। वर्तमान में यह घर पशुओं का ठिकाना बन गया है। घर का एक हिस्सा हिस्सा राज्य सरकार के अधीन है जिसमें एक स्कूली शिक्षक रहते हैं।


मोतिहारी के रोटरी क्लब के अध्यक्ष देबप्रिया मुखर्जी ने कहा, "ब्रिटिश दंपति ओरवेल के खंडहर बनते जा रहे इस घर को पुनरोद्धार करवाने का निर्णय लिया है और इस घर को वे पर्यटक स्थल बनाना चाहते हैं।" इससे पहले 'हैरिटेज फाउंडेशन ऑफ इंडिया' ने भी ओरवेल के घर के पुनरोद्धार की घोषणा की थी लेकिन इस घोषणा को आज तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।

2 comments:

Anonymous said...

अंग्रेज लेखक जॉर्ज ओरवेल के पैतृक घर का पुनरोद्धार और पर्यटकों के लिए विकसित हो सके तो बहत अच्छा होगा।

Manish Kumar said...

सरकार को इस प्रस्ताव का स्वागत करना चाहिए।