मुझे आदमी का सड़क पार करना हमेशा अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह एक उम्मीद - सी होती है कि दुनिया जो इस तरफ है शायद उससे कुछ बेहतर हो सड़क के उस तरफ। -केदारनाथ सिंह
Wednesday, May 16, 2007
किसिंग सीन अब नहीं
किसिंग सीन अब नहीं
बॉलीवुड की नायिकाओं को शुरूआती फिल्मों में अंग प्रदर्शन करने के बाद अचानक ज्ञान होता है कि अब आगे से अंग प्रदर्शन या इस तरह के दृश्य नहीं करना है। कुछ ऐसा ही ज्ञान तनुश्री दत्ता को भी हुआ है और उन्होंने कह दिया जो हो चुका है वह बीती बात है। अब वे आगे से ऐसे हॉट सीन को करने से मना कर देंगी।
बात बहुत पुरानी नहीं है, जब तनुश्री ने चॉकलेट और आशिक बनाया आपने जैसी फिल्मों में कम कपड़े पहनकर गरमा-गरम चुंबन दृश्य दिए थे। वॉलपेपर्स के लिए सैक्सी अंदाज में फोटो उतरवाए थे। हाल ही में प्रदर्शित गुड बॉय बैड बॉय में भी तनुश्री ने कम कपड़े पहने हैं।
तनुश्री का कहना है कि वे तो कभी भी चुंबन देना ही नहीं चाहती थीं लेकिन निर्देशक के दबाव के चलते उन्होंने ऐसा किया। अब निर्देशक बंदूक लेकर तो खड़ा नहीं था। पर तनुश्री को डर था कि उन्होंने ज्यादा ना-नुकुर की तो उन्हें फिल्म से बाहर किया जा सकता है, इसलिए उन्हें जैसा बताया गया वैसा वे करती गईं।
तनुश्री को लगने लगा है कि उनकी एक पोजीशन बन गई है, इसलिए वे उछल-कूद के बजाय गंभीर किस्म की भूमिकाएँ निभाना चाहती हैं। साथ ही उन्होंने यह फैसला किया है कि वे आगे से ऐसे दृश्य भी नहीं करेंगी, जिसे परिवार के साथ बैठकर न देखा जा सके।
अगले सप्ताह प्रदर्शित होने वाली फिल्म रकीब के सेट पर भी ऐसी घटना घटी थी। कुछ दिनों पहले राहुल खन्ना के साथ तनुश्री ने गरमा-गरम दृश्य किया था। कुछ दिनों बाद निर्देशक ने वैसा ही दृश्य जिमी शेरगिल के साथ फिल्माना चाहा तो तनुश्री साफ मुकर गईं। निर्देशक हक्का-बक्का रह गया कि उस दिन तो कोई नखरा नहीं किया तो फिर आज क्या बात हुई। बड़ी मुश्किल से तनुश्री को राजी किया गया।
तनुश्री को अब अपना परिवार याद आ रहा है। वे कहती हैं कि मेरा परिवार बहुत ही रूढ़िवादी है। पारिवार को तनुश्री का फिल्मों में काम करना ही पसंद नहीं है फिर ऐसे दृश्य तो दूर की बात है। तनुश्री को फिल्मों में सिर्फ ग्लैमर बढ़ाने के लिए बतौर शो-पीस रखा जाता है। उन्होंने आज तक एक भी ऐसी भूमिका नहीं निभाई है, जो कि यादगार हो।
उन्हें बतौर अभिनेत्री बॉलीवुड में गंभीरता से नहीं लिया जाता है। यदि तनुश्री अपनी जिद पर अड़ी रहीं तो शायद उन्हें फिल्म मिलना ही बंद हो जाएँ।
देखना है तनुश्री अपनी बात पर कितने दिन कायम रहती हैं।
वाह गिरीन्द्र्…क्या खुब कही…सच कह रहे हो…यहाँ कुछ ऐसा ही है अगर ऐसा होता तो मीडिया को कैसे मेटेरियल मिलेगा…।
ReplyDeleteगिरीन्द्र नाथ झा जी,इन कलाकारों की बात का विश्श्वास नही किया जा सकता। जब बच्चन जी जैसा कलाकार यू पी मे है दम... जैसे प्रचार करने को तैयार हो सकता है तो यह तो अभी-अभी आई है इस से क्या उम्मीद की जा सकती है।
ReplyDeleteनहीं नहीं कहते रहती हैं तनुश्री। अब इत्ता तो हो गया। क्या देखना दिखाना है।
ReplyDeleteजो देखना दिखाना है वो यहां देखिए।
ये हैं तनुश्री के पंखे ०
http://tanushreedutta.blogspot.com