
''प्यार कोई ऐसी चीज नहीं कि जिस पर आई एस आई का मार्क लगा है, जो हमने टिकाऊ और मजबूत समझ कर खरीद लिया.प्यार तो एक ऐसे खूशबूदार झोंके की तरह होता है, जो कब हमारे पास से गुजर जाता है और हम उस प्यार की खुश्बू को समझ भी नही पाते...और कभी-कभी हम उस प्यार की खुश्बू को समझकर भी अनजान बने रहते हैं............''
'ये बातें मुझे १२ साल का एक लड्का राजु ने कूडा बिनते हुए बताया.
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