गुलजार साब भगवान से भी बात करते हैं और उनसे सवाल भी पूछते हैं। पढिए कैसे कृष्ण से गुलजार बात करते हैं-चिपचिपे दूध से नहलाते हैं
आंगन में खड़ा कर के तुम्हें ।
शहद भी, तेल भी, हल्दी भी, ना जाने क्या क्या
घोल के सर पे लुंढाते हैं गिलसियां भर के
औरतें गाती हैं जब तीव्र सुरों में
मिल कर पांव पर पांव लगाये खड़े रहते हो
इक पथरायी सी मुस्कान लिये
बुत नहीं हो तो परेशानी तो होती होगी ।
जब धुआं देता, लगातार पुजारी
घी जलाता है कई तरह के छौंके देकर
इक जरा छींक ही दो तुम,
तो यकीं आए कि सब देख रहे हो ।
yadi vyagy hai to sundar hai...
ReplyDeleteSorry Girindra Bhai ...
ReplyDeleteYAh comment to kisee aur ke liy thaa...
क्या बात है..गुलजार की बात जुदा१! बहुत खूब!
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