कुछ लोग होते हैं जो शब्दों के जरिये जीवन में आते हैं और फिर वे पानी की तरह जीवन में रच बस जाते हैं। ऐसे लोग अभिभावक कम, साथी अधिक जान पड़ते हैं। ऐसे लोगों के शब्दों में स्मृतियाँ होती है, ऐसे लोग जब लिखते हैं तो उनके साथ उनकी पूरी दुनिया चली आती है। स्मृतिहीनता के इस दौर में ऐसे लोग बहुत कम नज़र आते हैं। व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि ऐसे लोग कमाल के किस्सागो होते हैं। मेरे लिए कथाकार अखिलेश ऐसे ही लोग हैं, जिनमें लोक रचा- बसा है।
आज अपने शहर में अखिलेश जी से मुलाकात हुई। एक आत्मीय मुलाकात। उन्हें पहले मंच पर सुनने का सुख मिला फिर उनके संग लंबी गुफ्तगू हुई।
वह मंच पर जो हैं, वही आम बातचीत में भी।पहले बात मंच की। अखिलेश जी ने वैसे तो कई बातें कही लेकिन मैंने उनकी चार बातों को मन में रखने की कोशिश की, जिसके आसपास इन दिनों हम सब भटक रहे हैं।
राष्ट्र और देश की बात करते हुए अखिलेश जी ने कहा कि देश एक सार्थक शब्द है। उनके इस वक्तव्य पर लंबी बात हो सकती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि विवेक वैश्विक होनी चाहिए। ऐसे दौर में जब विवेक के दायरे को हम सब एक परिधि में घेरते जा रहे हैं, अखिलेश जी उसे बन्धन मुक्त करने की बात कर रहे हैं। तीसरी बात, जो उन्होंने कही वह है - आभासी यथार्थ। उन्होंने कहा कि हम सब आभासी यथार्थ देखते हैं स्मार्टफोन के जरिये, स्क्रीन के जरिये। ऐसे में जरूरत है कि हम मूल से जुड़ें, माटी से जुड़ें।और उनकी चौथी बात जिसने मुझे आकर्षित किया, वह है नया समाज और नई समझ। कथाकार और संपादक अखिलेश कहते हैं कि नये समाज को नई समझ के साथ सामने रखने की जरूरत है।
ये तो हुई मंच की बात। कार्यक्रम के बाद अखिलेश जी से बात करते हुए लगा कि एक कथाकार इस बदलते वक्त में बदलाव को महसूस करना चाहता है। वे गाम घर, मौसम, किसानी और शहर और गाँव के बीच मिटते फासले को समझने की कोशिश में हैं। उनके साथ टहलते- बतियाते अहसास हुआ कि लेखन स्मृतियों और अनुभवों का मोक्ष है। और दूसरी तरफ यह कथाकार की भी मुक्ति है।
इस किस्सागो कथाकार का संसार स्मृतियों से भरा पड़ा है। उनको सुनते हुए लगा कि अखिलेश जी का संस्मरण अलग ही मिजाज का है, किसी फलदार वृक्ष की तरह। उन्हें सुनते हुए लगा कि वे स्मृतियों और अनुभवों को बंधन में बांध देते हैं। वे एक किताब की तरह हैं, जिसमें न जाने कितने किस्से, लतीफे, हिदायतें और आपबीती के पृष्ठ हैं। वे एक ऐसे कथाकार हैं, जिनके पास व्यक्ति को भी देखने का नजरिया है और साथ ही खेत और तालाब को भी!
उन्हें पढ़ने पर लेखन के दौरान उनकी इमानदारी से साक्षात्कार होता है।
ReplyDeleteहर्बल और कॉस्मेटिक उत्पाद और दवा कंपनियों की बढ़ती मांग के साथ एलो वेरा खेती व्यवसाय लाभ में जबरदस्त वृद्धि हुई है। इस खेती का मुख्य लाभ यह है कि इसे कम पानी और रखरखाव की आवश्यकता होती है। एलोवेरा की खेती में उत्पादन लागत कम होती है और मुनाफा ज्यादा होता है।
ReplyDeleteBusiness plan for Aloe Vera farming | how to start aloe vera farming business |how to grow aloe vera for business IN HINDI 2022