अब मुझे भी शब्द को रंगना आ गया है,
मैं भी अब कलाकार बन गया हूं.
शब्द का कलाकार
जिसे आता है,
शब्दों के आसपास़
रंग छिटकना
जबसे इंक-कलम कहीं छुप गए
तब से की-बोर्ड पर
करने लगा हूं शब्द-अलाप।
जो शरीर के ऊपर के तल्ले पर आता है,
उसे रखा देता हूं एक सादे पन्ने पर,
और जो नहीं आता है उसे
अनंत के सागर से
उठाकर (चोरी कर) चस्पा कर देता हूं.
ऐसे में,
यहां मैं भी कलाकार बन जाता हूं
कुछ शब्दों को रंगीन कर देता हूं
और जो शब्द करने लगते हैं परेशान
उसे मिटा देता हूं..हमेशा-हमेशा के लिए
यही मेरा भरम है
कि मैं अब कलाकार बन गया हूं.
लाल, हरे, पीले रंग में
शब्दों को ढालने लगा हूं..
मैं भी अब कलाकार बन गया हूं.
शब्द का कलाकार
जिसे आता है,
शब्दों के आसपास़
रंग छिटकना
जबसे इंक-कलम कहीं छुप गए
तब से की-बोर्ड पर
करने लगा हूं शब्द-अलाप।
जो शरीर के ऊपर के तल्ले पर आता है,
उसे रखा देता हूं एक सादे पन्ने पर,
और जो नहीं आता है उसे
अनंत के सागर से
उठाकर (चोरी कर) चस्पा कर देता हूं.
ऐसे में,
यहां मैं भी कलाकार बन जाता हूं
कुछ शब्दों को रंगीन कर देता हूं
और जो शब्द करने लगते हैं परेशान
उसे मिटा देता हूं..हमेशा-हमेशा के लिए
यही मेरा भरम है
कि मैं अब कलाकार बन गया हूं.
लाल, हरे, पीले रंग में
शब्दों को ढालने लगा हूं..
शब्दों को रंगना...वाह...अद्भुत बात सोची है आपने...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
यही मेरा भरम है
ReplyDeleteकि मैं अब कलाकार बन गया हूं.
क्या बात कही है जनाब वाह!
जिसे तुम शब्दों को रंगना कह रहे हो उन्हें मैं शब्दों से खेलना कहती हूँ.तुम जिनमें कलाकार देखते हो शब्दों को तरतीब से जमाने वालो को और मैं???? खिलाड़ी.
ReplyDeleteबड़े बड़े लेखकों को मैंने शब्दों के हेर फेर के बाद किसी और की रचना को अपने नाम से छापते,पढते देखा है.खिलाड़ी है .
बहुत खूबसूरत,भावपूर्ण, संवेदनापूर्ण,आदर्श स्थापित करने जैसा लिखने वालों को मौका मिलते ही 'जिस' रूप में देखा, शोक्ड रह गई.वे सचमुच कलाकार थे.
इसलिए अक्सर पूछती हूँ 'शब्दों से खेलते हो या ..... इन्हें जीते भी हो' ?????
खुद को अपने पाठकों ,प्रसंशको को धोखा देना नही यह???? अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के लिए मुखोटे की जरूरत क्यों महसूसते हैं हम?
लोग सर्टिफिकेट देंगे तभी हमे और लोगों को मालूम होगा कि हम कैसे हैं?
क्या खुद को नही जानते हम या हमारा ईश्वर???
नही बाबू! नही बनना तुम्हे भी कलाकार और....मुझे भी. यूँ........ सच लिखा है शब्दों को रंग देने वालो के लिए.
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
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