सन १९६७ में जेपी पटना के गांधी मैदान में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस सभा की रिपोर्टिंग फणीश्वर नाथ रेणु ने दिनमान के लिए की थी। एंकाकी के दृश्य को पढ़ते वक्त उनका यह रिपोर्ताज हाथ में आया। उन्होंने अपनी इस रिपोर्ट का शीर्षक दिया- जनवरी की डायरी।मैं इस रिपोर्ताज से जेपी के भाषण का कुछ अंश पेश कर रहा हूं, जिसे मैं आज के लिए प्रासंगिक मानता हूं। पढ़िए-
जेपी बोल रहे हैं-
'' उधर हजारों-हजार गांवों में लोग दाना-पानी के बिना मर रहे हैं और अपने को जनता के सेवक कहने वाले चुनाव के दंगल में फंसे हैं। मैं कहता हूं, भाई, चुनाव है तो क्या है छोड़ न दो मतदाताओं के ऊपर। आपने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है तो मतदाता आपको खुद अपना मत देंगे। और यदि पांच साल में आपने कुछ नहीं किया तो एक महिना-पंद्रह दिन लाउड स्पीकर बजाकर, पर्चा बंटवाकर क्या होगा?''
बहुत सुन्दर अंश प्रेषित किया है।आभार।
ReplyDeletebahut khub kaha hai jaiprakash ji ne. dhanyabad
ReplyDelete