tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post5278754387082294805..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: पुरानी कहानी, नया पाठGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-30426788862052551152015-11-28T23:13:52.294+05:302015-11-28T23:13:52.294+05:30Bahut hi achcha likhate hai sir, Kafi achcha laga ...Bahut hi achcha likhate hai sir, Kafi achcha laga apka yah lekh..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07238047302364612154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-2809184700135784442015-11-27T21:37:47.327+05:302015-11-27T21:37:47.327+05:30कुछ संस्मरण आपकी यादों की तलहटी में बड़ा सा पत्थर ...कुछ संस्मरण आपकी यादों की तलहटी में बड़ा सा पत्थर फेंक ऊपर तक हलचल मचा देते हैं, बहुत कुछ ऐसा ही अनुभव हुआ...बहुत खूब। Shilpi_MannPakhihttps://www.blogger.com/profile/03173633549858050098noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-35652253818123695702015-11-27T19:15:55.995+05:302015-11-27T19:15:55.995+05:30मधुबनी से पूर्णिया, इशाहपुर से चनका के सफर का सुन्...मधुबनी से पूर्णिया, इशाहपुर से चनका के सफर का सुन्दर वर्णन प्रस्तुति हेतु धन्यवाद <br /> कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-81693273254090902872015-11-25T20:37:50.045+05:302015-11-25T20:37:50.045+05:30Brilliant piece. Nostalgic.Brilliant piece. Nostalgic.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-56984492591953794672015-11-25T19:41:45.812+05:302015-11-25T19:41:45.812+05:30बहुत ही अच्छा. दूसरे का इंतज़ार रहेगा. रेणु की गंध ...बहुत ही अच्छा. दूसरे का इंतज़ार रहेगा. रेणु की गंध और मैथिली की खुशबू है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14981295657428170340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-63474747021447540182011-04-22T10:04:50.607+05:302011-04-22T10:04:50.607+05:30पढ़कर लगा कि मैला आंचल का डेढ़ पन्ना फाड़कर यहां स...पढ़कर लगा कि मैला आंचल का डेढ़ पन्ना फाड़कर यहां साट दिए हो।.तुम्हें पढ़ते हुए अक्सर लगता है कि डोली मैं बैठी बहन या मरघट की तरफ जाते बुजुर्ग पर छाती पीटकर रोने के बजाय देहरी पर खड़ा होकर कोई भीतर ही भीतर बुदबुदा रहा है- कितना कुछ चला जा रहा है इनके जाने से। एक भाषा और एक रोजमर्रा के बीच बननेवाली संस्कृति के छीजने की तड़प लगती है।.आगे भी इंतजार रहेगा।.विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-76263782539323857952011-04-21T20:39:01.247+05:302011-04-21T20:39:01.247+05:30गिरीन्द्र, आपकी लेखनी अच्छी है या यादों की सहेजने ...गिरीन्द्र, आपकी लेखनी अच्छी है या यादों की सहेजने की कला, मैं उधेरबुन में हूं। मजा आता है आपको पढ़कर। सच कहूं हम जो सोचते हैं, आप उसे शब्दों में ढाल देते हैं। मैं फेसबुक के रास्ते यहां पहुंचा, रेणु लिटरेचर की छाप है आप पर। लिखते रहिए।<br />संजय शर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-53428898460034154462011-04-21T16:32:59.680+05:302011-04-21T16:32:59.680+05:30@ सदन झा- शुक्रिया सर, आपके सवालों के जवाबों में उ...@ सदन झा- शुक्रिया सर, आपके सवालों के जवाबों में उलझा हुआ हूं। शायद आपके सवालों को शब्दों से हल कर सकूं।Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-19899684439353976282011-04-21T16:25:47.273+05:302011-04-21T16:25:47.273+05:30इब्तेदा तो बहुत ही अच्छा है. अभी सब दिन सुबह इन्ते...इब्तेदा तो बहुत ही अच्छा है. अभी सब दिन सुबह इन्तेजार रहेगा.Sadan Jhahttps://www.blogger.com/profile/03549280438683116103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-52066027923056495772011-04-21T14:03:15.140+05:302011-04-21T14:03:15.140+05:30बेहतरीन शुरुआत. उम्मीद है ऐसे ही जारी रहेगी उस पार...बेहतरीन शुरुआत. उम्मीद है ऐसे ही जारी रहेगी उस पार से इस पार की यात्रा...Ajit k Jhahttps://www.blogger.com/profile/14194621365928293541noreply@blogger.com