tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post8949990551138728541..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: “ सबकुछ बदला यारों न बदली कहानी...फिर भी रटते कि बदली कहानी.........”Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-20830203113413916812007-06-08T12:19:00.000+05:302007-06-08T12:19:00.000+05:30क्या बात है......यही है गांवों में शिक्षा की स्थित...क्या बात है......यही है गांवों में शिक्षा की स्थिति... काबिल-ए-तारीफ तो ये है कि 10 साल की बच्ची (ऐसे गांवों में तीसरे या चौथे वर्ग की होगी) एक शिक्षिका तैयार कर रही है...ऐसा नवनिर्मित उत्पाद विद्यालय में कैसा उत्पाद तैयार करेगी भी सोंचने से रहा। क्या करते हैं ये अधिकारीगण जो जांच-पड़ताल कर नियुक्ति देते हैं.....राम बचाए...।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-32567804601614691972007-06-07T19:33:00.000+05:302007-06-07T19:33:00.000+05:30क्या बात है! ये हमारी शिक्षा नीति है! उधारी के जमा...क्या बात है! ये हमारी शिक्षा नीति है! उधारी के जमाने में डिग्री का भी अग्रिम भुगतान हो गया।<BR/>पढ़ाई बाद में हो रही है!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-47162465354907411152007-06-07T13:18:00.000+05:302007-06-07T13:18:00.000+05:30मै लेख या कहानी कम ही पढ़ती हूँ मगर आज...वाकई बेहद ...मै लेख या कहानी कम ही पढ़ती हूँ मगर आज...<BR/>वाकई बेहद रोचक बात है... सुना तो है की यदि माँ-बाप कम पढे-लिखे है तो औलाद से कभी-कभी पढ़ लेते है..मगर आप कहते है की जो शिक्षिका है वो पहले पढ़ती है फ़िर पढ़ाती है,इसमे भी साहस की बात है,माँ-बेटी दोनो का ही साहस प्रशंसनीय है...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.com