tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post76398803798927410..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: ‘ मुझको दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग ’Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-13357610991587905532011-03-28T22:18:15.377+05:302011-03-28T22:18:15.377+05:30@ मेरे लिए गांव एक खुश्बू है और शहर एक फूल।
आपसे स...@ मेरे लिए गांव एक खुश्बू है और शहर एक फूल।<br />आपसे सहमत।<br />पर आज शहर गांव की खुश्बू को लील रहा है। एक अपनी ही कविता के कुछ अंश पेश कर रहा हूं<br /><br />सिकुड़ी आँखों झुककर<br />झांके झींगुर दास,<br />पेठिये के शोरगुल पर<br />मण्डी का उपहास। <br />कब्बार के कोने उपेक्षित<br />दादाजी की खड़ाउँ।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-65392350209366773752011-03-28T19:00:15.090+05:302011-03-28T19:00:15.090+05:30दूसरी तरफ ख़ुशी की संभावनाएं हमेशा ज़्यादा रहती है...दूसरी तरफ ख़ुशी की संभावनाएं हमेशा ज़्यादा रहती हैं (शायद)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com