tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post6893617519108709225..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: बिहारः पहचान से विकास तकGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-34605507214732050312007-02-17T11:21:00.000+05:302007-02-17T11:21:00.000+05:30पढ़ने के बाद बहुत कुछ वो भी याद आया जो हम भूलते जा...पढ़ने के बाद बहुत कुछ वो भी याद आया जो हम भूलते जा रहे थे... अपना बिहार भी इतना खास है... यदि आपके पास नजर है, तो यहां नजारों की कमी नहीं...बहुत अच्छा लिखा है आपने ।<BR/>धन्यवाद ।विजयhttps://www.blogger.com/profile/06702008785638193056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-34672947851480823212007-02-15T14:29:00.000+05:302007-02-15T14:29:00.000+05:30कैसे हो गिरेन्द्र,बहुत दिनों बाद दिखे हो…बिहार का ...कैसे हो गिरेन्द्र,<BR/>बहुत दिनों बाद दिखे हो…<BR/>बिहार का अच्छा खासा खांका तैयार हुआ है…आने बाले 20 सालों में इस देश मुख बिहार की ही ओर होगा…<BR/>वर्ल्ड बैक की सर्वे के अनुसार बिहार ही ऐसा प्रदेश है जहाँ प्राकृति संसाधनों का प्रयोग नाममात्र का हुआ है…बढ़िया लिखा है…बधाई!!Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.com