tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post5812902698455692835..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: सम्राट अशोक से अपनी तुलना कर बैठे प्रचंडGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-40120734160299573752008-05-21T03:17:00.000+05:302008-05-21T03:17:00.000+05:30Matlab ki Ashok ki tarah pahale ye bhi samrajyawaa...Matlab ki Ashok ki tarah pahale ye bhi samrajyawaadi the. Khair nayee baat koi bhi nahee hai chahe koi bhi waad ho sab samrajya ke liye hi hota hai.<BR/>@Dwivedi ji jara is week ka devil's Advocate dekh lijiye www.ibnlive.com par sab samjh me aa jayega ki maowaad ke naye purodha aur ghatiya raaj thakare ke mentality me koi antar nahee hai, jo kal tak chillate the ki nepal me hindi cinema nahee aab wo aapane muh se bol rahe hai ki aab chalega.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-65014102567977178722008-05-20T21:37:00.000+05:302008-05-20T21:37:00.000+05:30एक तो यह पोस्ट गलत बयानी कर रही है। यह जुमला कि वे...एक तो यह पोस्ट गलत बयानी कर रही है। यह जुमला कि वे किसी धर्म को नहीं मानते, लेकिन सभी धर्मों में उन की आस्था है। अपने आप में विसंगति है। <BR/>अंग्रेजी के रिलिजन शब्द का अनुवाद धर्म कर दिया जाता है। जब कि उस का अर्थ सम्प्रदाय या पंथ होता है। <BR/>प्रचण्ड ने अगर यह कहा है कि हथियारों की कोई जरुरत नहीं तो वे मार्क्सवादी और माओवादी नहीं हैं। क्यों कि हथियारों की तो तब तक जरुरत रहेगी जब तक दमन रहेगा। चाहे वह शोषितों का हो या शोषकों का। <BR/>राज्य हिंसा का सब से बड़ा स्रोत है। आप सरकार में होंगे तो क्या हथियारों के बिना उसे चला पाएंगे। <BR/>नेपाल में शांति का संदेश भी क्या बिना हथियारों के बल पर फैलाया जा सकता है। जिन लोगों के सामन्ती अधिकार छिन गए हैं वे चुप बैठे रहेंगे और वापस लौटने का प्रयास नहीं करेंगे? <BR/>मुझे लगता है कि य़ह पोस्ट ही गलत तथ्यों से भरी है। <BR/>आज कल कम्युनिस्टों की बुराई कर वाह वाही लूटने की जो परंपरा चल पड़ी है। यह पोस्ट कहीं उसी का तो प्रयास नहीं है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-50508310780497625372008-05-20T20:18:00.000+05:302008-05-20T20:18:00.000+05:30क्यों भाई, धर्म तो अफीम होती है न....................क्यों भाई, धर्म तो अफीम होती है न.................... देख लो दुनियावालों, ये है कम्युनिस्ट/माओवादिओं की हकीकत............... ये साले पोंगापंथी ढोंग और सामंतवाद ख़त्म करने बंदूकों का सहारा ले रहे थे और अब ख़ुद ही नेताओं जैसे सामंतवादी ढकोसले और नखरे दिखाने लगे. लाल सलाम वालों को मेरा काला सलाम.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-75835769924689871582008-05-20T19:18:00.000+05:302008-05-20T19:18:00.000+05:30यही है सारे नक्सलवादियों, कम्युनिष्टों की हकीकत.अब...यही है सारे नक्सलवादियों, कम्युनिष्टों की हकीकत.<BR/>अब जम कर कुर्सी पर बैंठेंगे.<BR/>सर्वहारा जैसे जुमले अब सिर्फ सेमिनारों में बोले जायेगेंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-75425246575186292452008-05-20T18:44:00.000+05:302008-05-20T18:44:00.000+05:30मन में जो ख्याल आया वही लिख रहा हूं..हा हा हा.. नौ...मन में जो ख्याल आया वही लिख रहा हूं..<BR/><BR/><B>हा हा हा.. नौटंकी साला..</B> :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com