tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post3088300484942414582..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: रंगीन शब्दGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-17087537615200229872012-01-04T17:18:06.886+05:302012-01-04T17:18:06.886+05:30हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-69625179495458053282011-11-24T09:17:19.684+05:302011-11-24T09:17:19.684+05:30जिसे तुम शब्दों को रंगना कह रहे हो उन्हें मैं शब्द...जिसे तुम शब्दों को रंगना कह रहे हो उन्हें मैं शब्दों से खेलना कहती हूँ.तुम जिनमें कलाकार देखते हो शब्दों को तरतीब से जमाने वालो को और मैं???? खिलाड़ी.<br /><br />बड़े बड़े लेखकों को मैंने शब्दों के हेर फेर के बाद किसी और की रचना को अपने नाम से छापते,पढते देखा है.खिलाड़ी है .<br /> बहुत खूबसूरत,भावपूर्ण, संवेदनापूर्ण,आदर्श स्थापित करने जैसा लिखने वालों को मौका मिलते ही 'जिस' रूप में देखा, शोक्ड रह गई.वे सचमुच कलाकार थे.<br />इसलिए अक्सर पूछती हूँ 'शब्दों से खेलते हो या ..... इन्हें जीते भी हो' ?????<br /> खुद को अपने पाठकों ,प्रसंशको को धोखा देना नही यह???? अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के लिए मुखोटे की जरूरत क्यों महसूसते हैं हम?<br />लोग सर्टिफिकेट देंगे तभी हमे और लोगों को मालूम होगा कि हम कैसे हैं? <br /> क्या खुद को नही जानते हम या हमारा ईश्वर??? <br />नही बाबू! नही बनना तुम्हे भी कलाकार और....मुझे भी. यूँ........ सच लिखा है शब्दों को रंग देने वालो के लिए.इन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-71624975058294405532011-10-20T15:15:01.550+05:302011-10-20T15:15:01.550+05:30यही मेरा भरम है
कि मैं अब कलाकार बन गया हूं.
क्य...यही मेरा भरम है<br />कि मैं अब कलाकार बन गया हूं.<br /><br />क्या बात कही है जनाब वाह!deepakkibatenhttps://www.blogger.com/profile/14301325134751200493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-5315104483302154072011-10-19T16:37:55.062+05:302011-10-19T16:37:55.062+05:30शब्दों को रंगना...वाह...अद्भुत बात सोची है आपने......शब्दों को रंगना...वाह...अद्भुत बात सोची है आपने...बधाई स्वीकारें <br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com