tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post1911317323018662170..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: जय हो के साथ ससुराल गेंदा फूल का जलवा .........Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-61613607480006321072009-02-28T21:42:00.000+05:302009-02-28T21:42:00.000+05:30दूर हुए मन में उगे बेर और बबूल .ब्लाग पर रख दिया ज...दूर हुए मन में उगे बेर और बबूल .<BR/>ब्लाग पर रख दिया जी गेंदे का फूल.<BR/><BR/>कुछ नहीं था खास <BR/>मन था उदास<BR/>यहाँ आया दीख गया तॄषा -तॄप्ति का कूल.<BR/>ब्लाग पर रख दिया जी गेंदे का फूल.siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-59490937635439519502009-02-28T17:18:00.000+05:302009-02-28T17:18:00.000+05:30गिरीन्द्र भाई,आपका गेंदा फूल तो चल निकला ...हा हा ...गिरीन्द्र भाई,<BR/>आपका गेंदा फूल तो चल निकला ...<BR/>हा हा हाआशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-34247266979467569702009-02-28T10:21:00.000+05:302009-02-28T10:21:00.000+05:30शुक्रिय सुशील जी। आपने ससुराल गेंदा फूल का भाव बता...शुक्रिय सुशील जी। <BR/>आपने ससुराल गेंदा फूल का भाव बता दिया और दो पंक्तियां जो छूट गई थी -<BR/><BR/>बुशर्ट पहनके, खाइके बीडा पान<BR/>पूरे रायपुर से अलग है, सैंया जी की शान<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/><BR/>उसे भी टिपिया दिया। थैंक्स सरजी।<BR/><BR/>और हां, दिल्ली से मुझे कोई शिकायत नहीं है जी, अरे जहां आप जैसे लोग हो, कि पोस्ट पढ़कर फोन भी कर देते हैं और हालचाल ऐसे पूछते हों, जैसे घर से कोई पूछ रहा हो तो कमबख्त ऐसे प्यारे शहर से कौन शिकायत करेगा।<BR/><BR/>अच्छा लगा आपकी प्रतिक्रिया को पढ़कर और महसूस कर।Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-54214169726752464012009-02-28T10:15:00.000+05:302009-02-28T10:15:00.000+05:30वाह दोस्त अकेले ही काफी पी रहे हो फिर कहते हो कि य...वाह दोस्त अकेले ही काफी पी रहे हो फिर कहते हो कि ये दिल्ली वाले तो .....। कभी याद करोगे तब ही ना। वैसे बुखार कैसा है। हमें ही पहले बता देते तो बुखार भी उतार देते बस 10 मिनट में। एक नुस्खा है हमारे पास पूछो तो बताऊँ? पर भईया आप क्यूँ याद करेगे दिल्ली वालो को। <BR/>ये लो जी गाना <BR/>सास गारी देवे, देवर जी समझा लेवे<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/>सैंया छेड़ देवें, ननद चुटकी लेवे<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/><BR/><BR/>छोड़ा बाबुल का अंगना, भावे डेरा पिया का हो<BR/>सास गारी देवे, देवर समझा लेवे<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/><BR/>सैंया है व्यापारी, चले हैं परदेश<BR/>सुरतिया निहारूं, जियरा भारी होवे<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/><BR/><BR/>बुशर्ट पहनके, खाइके बीडा पान<BR/>पूरे रायपुर से अलग है, सैंया जी की शान<BR/>ससुराल गेंदा फूल<BR/><BR/>अब ये लो ससुराल गेंदा फूल... <BR/>गेंदा फूल छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाके में बहुतायत में मिलता है. हर किसी के बाड़ी में यह खिला हुआ देख सकते हैं. नवविवाहिता इस गीत में गेंदा फूल की बाड़ी की तरह ससुराल को गुलजार मान रही है और देवर से कुछ खट्टी मीठी शिकायतें कर रही है.<BR/><BR/>मजा आया कि नहीं।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.com