tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post116799174257301316..comments2024-03-27T23:27:13.656+05:30Comments on अनुभव: कैफे बनाम बुथ्Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttp://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-1168012697734498162007-01-05T21:28:00.000+05:302007-01-05T21:28:00.000+05:30गिरीन्द्र जी, अहाँ एकटा नीक काज क' रहल छी. टेलीफोन...गिरीन्द्र जी, अहाँ एकटा नीक काज क' रहल छी. टेलीफोन बूथ पर अपन काज'स मादेँ अहाँ पछिला भेँट मे बतौने रही. ओकर आभास-आलेख हम अहाँक ब्लाग पर पढल. बहुत बहुत बधाई. अहिँक : अविनाशAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-1168008639516318532007-01-05T20:20:00.000+05:302007-01-05T20:20:00.000+05:30श्रीश जी सही कह रहे हैं परन्तु वह दिन आयेगा नहीं ब...श्रीश जी सही कह रहे हैं परन्तु वह दिन आयेगा नहीं बल्कि आ चुका है, हमारे यहाँ इन्टरनेट की गिरती दरों की वजह से लगभग घर घर में लोग नैट का कनेक्शन ले रहे हैं। और अब तो लिग मोबाईल पर ही मेल चैक कर लेते हैं सॊ हाल यह है कि जिस तरह STD बूथ वाले बैठे रहते हैं ठीक वही हाल साइबर कॉफ़े वाले बैठे रहते हैं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23741193.post-1168004054436645792007-01-05T19:04:00.000+05:302007-01-05T19:04:00.000+05:30ठीक कहा आपने और जल्द ही वह दिन आएगा जब घर-घर में इ...ठीक कहा आपने और जल्द ही वह दिन आएगा जब घर-घर में इंटरनेट हो जाएगा तब साइबर कैफे उसी तरह खाली होंगे जैसे आज STD-PCO होते हैं।Anonymousnoreply@blogger.com